30 मई 2019, पाटन @बलराम यादव। दक्षिण पाटन के ग्राम झाड़ मोखली में गुरुवार को राजस्व विभाग व पुलिस विभाग ने जाकर ग्राम पंचायत के साथ अतिक्रमण हटाना शुरू किया। अतिक्रमण हटाते इससे पहले राजस्व विभाग और ग्राम पंचायत द्वारा अतिक्रमणकारी एक दर्जन परिवार को घरों से का सामान हटाने के सूचना भी दिए थे। आज सुबह से ही झाडमोखली के एक दर्जन परिवार के सदस्य अपने अपने घर से सामान बाहर निकाले। बिना व्यवस्थापन के किए जा रहे अतिक्रमण हटाने की कार्रवाई के कारण ये सभी परिवार बेघर हो गए। यह सभी परिवार अपने सामान व महिलाएं व छोटे-छोटे बच्चों के साथ चिलचिलाती धूप में खुले आसमान के नीचे मुख्य सड़क पर ही बैठ गए। जैसे ही इसकी सूचना प्रशासन व पुलिस को मिली तो हड़कम्प मच गया। किसी भी तरह की अनहोनी न हो इसके लिए पुलिस ने भी सुरक्षा की दृष्टि से रानीतराई थाना प्रभारी को बल के साथ भेजा।
बताया जाता है कि तहसीलदार ने भी नयाब तहसीलदार को मौके पर जाने निर्देश दिया है। छोटे-छोटे बच्चों के साथ आज चिलचिलाती धूप में बैठे महिलाएं व पुरुषों को ग्रामीण देख रहे थे। ग्रामीणों ने आरोप लगाया है कि ग्राम पंचायत के सरपंच के द्वारा दुश्मनी निकालते हुए अतिक्रमण हटाने में भेदभाव कर रहे हैं। गांव में गोठान निर्माण के नाम पर अतिक्रमण हटाया जा रहा है लेकिन गोठान निर्माण के लिए अन्य स्थान भी गांव में स्थित है। गौतरलब हो की कल भी ग्राम पंचायत रेंगा कठेरा में अतिक्रमण हटाने की कार्रवाई की गई।आज गुरुवार को आश्रित ग्राम झाड़ मोखली में अतिक्रमण हटाने की कार्रवाई की जा रही है।
लगभग 20 सालों से मकान बनाकर रह रहे लोगों का आंसू अपने आशियाना को टूटते देखते थम नहीं रही है। छोटे-छोटे बच्चे अपनी मां के साथ गोद में बैठी है। घर को लेकर जो सपने सजाए थे वह भी अब चकनाचूर हो रहा है। अपने सपनों का आशियाना को टूटते देख लो काफी हाहाकार मच आए हैं।
गौरतलब हो कि अतिक्रमण हटाने को लेकर ग्राम पंचायत रेंगाकठेरा के सरपंच ममता मेश्राम सहित पंच वा ग्रामीणों ने पहले तो एसडीएम कार्यालय को ज्ञापन सौंपा। उसके बाद अतिक्रमण नहीं हटी तो एसडीएम कार्यालय का घेराव कर दिया था। इसके बाद भी अतिक्रमण नही हटा तो सरपंच न्यायालय की शरण में गए। कोर्ट ने भी पंचायत के प्रस्ताव के समर्थन में अपना निर्णय देते हुए अतिक्रमण हटाने के निर्देश दिए। ग्रामीणों का कहना है कि बिना व्यवस्थापन की अतिक्रमण हटाना काफी गलत कार्य है। पहले इन लोगों को व्यवस्थित कर दिया जाना चाहिए था। इसके बाद अतिक्रमण हटाना था ।