रायपुर 03 जून, 2019। छत्तीसगढ़ के सुदूरवर्ती इलाकों में शिक्षा को प्राथमिकता देने के लिए भूपेश सरकार ने नई योजना शुरू की है। पुस्तकालय योजना से अब प्राइमरी स्कूल के बच्चे लाइब्रेरी में पढ़ना सीखेंगे। इसी उद्देश्य से इस योजना की शुरुआत सुकमा जिले से की गई है।
सुकमा जिले में जिला प्रशासन के साथ-साथ यूनीसेफ और रूम टू रीड के सहयोग से 100 प्राथमिक स्कूलों का चयन पुस्तकालय योजना के लिए किया गया है। नक्सल प्रभावित इस जिले के नन्हें बच्चों को शिक्षा के लिए प्रोत्साहित करने और ज्ञान की अथाह दुनिया को छोटी-छोटी पुस्तकों के माध्यम से पढ़ना एवं लिखना सीखने के लिए यह प्रयास उपयोगी साबित होगा।
कलेक्टर चन्दन कुमार एवं जिला पंचायत की मुख्य कार्यपालन अधिकारी ऋचा प्रकाश चैधरी के विशेष प्रयास से इसकी शुरूआत 100 चयनित प्राथमिक शालाओं की जा रही है।
इसी के तहत कलेक्ट्रेट के विवेकानन्द सभागार भवन में आज एक दिवसीय कार्यशाला का आयोजन किया गया।
इसमें कलेक्टर, जिला पंचायत की मुख्य कार्यपालन अधिकारी सहित यूनीसेट के राज्य कार्यालय से आए शेषगीरी एवं शिखा राणा, रूम टू रीड की सुश्री रंजो, तीनों विकासखण्ड के शिक्षा अधिकारी तथा चयनित 100 स्कूलों के प्रधान पाठक उपस्थित थे।
उल्लेखनीय है कि योजना को शुरूआत करने से पहले 8 सदस्यीय जिला स्तरीय अध्ययन दल राजनांदगांव जिले में चल रहे पुस्तकालय योजना के अवलोकन के लिए भेजा गया था।
दल ने रिपोर्ट जिला प्रशासन को सौंपी थी। सुकमा जिले के वर्तमान कलेक्टर चन्दन कुमार पहले राजनांदगांव में सी.ई.ओ. जिला पंचायत रहते हुए भी इस योजना को बहुत करीब से देखा और समझा था और इसके परिणाम से प्रभावित होकर विशेष रूचि ली हैं।
कार्यशाला में कलेक्टर ने कहा कि इस अभिनव योजना के क्रियान्वयन से जुड़े सभी लोगों को पूर्ण मनोयोग और लगन, मेहनत से कार्य करना हैं, जिससे इससे आशातीत सफलता मिल सके।