16 अगस्त 2019 ,कर्नाटक। एक 12 साल के लड़के ने बहादुरी की शानदार मिसाल पेश की। कर्नाटक के बाढ़ग्रस्त इलाके में बाढ़ में डूबे रास्ते पर एक एंबुलेंस को रास्ता दिखाने के बाद यह लड़का अपने इलाके का हीरो बन गया है।
इस बेहतरीन कार्य के लिए प्रशासन की ओर से उसे स्वतंत्रता दिवस पर सम्मानित भी किया गया।
बता दें यहा लड़का रायचूर जिले के हीरेरायनकुंपी गांव के रहने वाला ये बच्चा बाढ़ में एक एंबुलेंस को रास्ता दिखाने के लिए अपनी जान पर खेल गया। अपनी जान जोखिम में डालते हुए 12 साल के बच्चे वेंकटेश ने पानी की तेज धार की परवाह नहीं की।
पुल बाढ़ के पानी में डूब गया था। एंबुलेंस के ड्राइवर को रास्ता नजर नहीं आ रहा था। रिपोर्ट्स के मुताबिक, उस समय ऐम्बुलेंस में 6 बच्चों समेत एक मृत महिला का शव भी था।
ड्राइवर के लिए पुल पर पानी की गहराई का अंदाजा लगाना मुश्किल हो रहा था। उस वक्त वेंकटेश वहां आस-पास ही खेल रहा था।
वेंकटेश ने एंबुलेंस के ड्राइवर की मदद करने का फैसला किया।
जब वेंकटेश से इस बारे में पूछा गया तो उसने कहा, ‘मुझे नहीं पता यह बहादुरी का काम था या नहीं। मैं बस एंबुलेंस ड्राइवर की मदद करना चाहता था।