प्रदेश के शिक्षाकर्मियों को 8 जनवरी का बेसब्री से इंतजार है क्योंकि यही वह दिन है जब विधानसभा पटल पर रखे गए अनुपूरक बजट पर चर्चा होगी और चर्चा के साथ बजट पर मतदान होगा चूंकि सदन में सरकार इतनी भारी बहुमत में है कि विपक्ष का फिलहाल तो कोई अस्तित्व ही नजर नहीं आता इसलिए यह तय है कि सदन में लाया गया प्रस्ताव भी ध्वनि मत से पास हो जाएगा और इस लिहाज से इस बात में कोई भी संदेह नही है कि कल विधानसभा में शिक्षाकर्मियों के वर्ष बंधन को 8 वर्ष से घटाकर 2 वर्ष किया जा सकता है क्योंकि जन घोषणा पत्र में शिक्षा कर्मियों के संबंध में सर्वप्रथम इसी बिंदु का उल्लेख है और सरकार बनने के बाद सामान्य प्रशासन विभाग ने अलग-अलग विभागों को जिन कार्ययोजनाओं को पूर्ण करने का दायित्व दिया उसमें भी पंचायत विभाग और स्कूल शिक्षा विभाग में यह बिंदु प्रमुखता से शामिल है और उसी समय यह स्पष्ट हो चुका था कि सरकार लोकसभा चुनाव से पहले शिक्षाकर्मियों के वर्ष बंधन को समाप्त कर उन्हें बड़ी सौगात देने जा रही है । कैबिनेट बैठक के बाद लिए गए प्रेस कॉन्फ्रेंस मे भी संसदीय कार्य मंत्री रविंद्र चौबे ने इस बात का उल्लेख किया था कि अनुपूरक बजट में शिक्षाकर्मियों के लिए बजट का प्रावधान किया गया है ।
क्या कहना है शिक्षाकर्मी नेताओं का
इस विषय में जब हमने संविलियन से वंचित रह गए और अभी संविलियन की लड़ाई लड़ रहे शिक्षाकर्मी नेता विवेक दुबे से फोन पर बात की तो उनका कहना है कि
” हम अपने संविलियन की घोषणा को लेकर आश्वस्त है इसके पीछे की वजह यह है कि जन घोषणा पत्र में संविलियन की मांग को टीएस सिंहदेव जी ने प्रथम बिंदु के रूप में शामिल तो किया ही था साथ ही कार्ययोजना में भी इस बिंदु को प्रमुखता से शामिल किया गया है उसके बाद कैबिनेट बैठक में भी अनुपूरक बजट पर मोहर लगाकर मीडिया को जानकारी देते समय मंत्री रविंद्र चौबे ने यह कहा है कि शिक्षाकर्मियों के लिए अनुपूरक बजट में प्रावधान किया गया है और प्रदेश के ही एक इलेक्ट्रॉनिक मीडिया चैनल में दिए अपने इंटरव्यू में स्कूल शिक्षा मंत्री ने यह स्पष्ट कर दिया था की अनुपूरक बजट में शिक्षाकर्मियों के संविलियन का प्रावधान किया गया है इन सारी बातों को एक कड़ी में मिलाने के बाद ऐसी कोई वजह नहीं है जिसके चलते हम सविलियन मिलने पर संदेह करें हमें पूरा विश्वास है कि सरकार हमें कल वर्षबंधन को समाप्त करते हुए संविलियन का सौगात देगी और कल का दिन प्रदेश के 48,000 शिक्षाकर्मी परिवारों के लिए ऐतिहासिक और यादगार रहेगा जो फिलहाल 8 वर्ष के बंधन में फंसे हुए हैं।