अब कम्प्यूटर न चला पाने वालो की खैर नहीं, स्कूल शिक्षा विभाग उठा सकता है यह कदम…

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बिलासपुर । कुछ समय से सभी विभागों के काम अब धीरे धीरे डिजिटल लाइजेसशन की ओर आगे बढ़ रहा है अधिकांश विभागों में कम्प्यूटर का ज्ञान होना अनिवार्य कर दिया गया है जिसके बाद से पढाई के साथ साथ कम्प्यूटर की पढाई पर भी फोकस कर रहे है जिससे कुछ ही समय में देश पूरी तरह डिजिटल हो जायेगा। अब बढ़ी खबर आ रही हैं स्कूल शिक्षा विभाग से जहां का काम धीरे धीरे पूरी तरह से ऑनलाइन होते जा रहा है और इसकी सफलता इस बात पर निर्भर करेगी की विभाग के लिपिक अपने काम में कितने दक्ष है। ऐसे लोग जो लिपिक के पद पर हैं लेकिन जिन्हें न तो टाइपिंग आती है और न ही कंप्यूटर और जिन्होंने कभी इसे सीखने का प्रयास भी नहीं किया । उनपर विभाग कार्यवाई कर सकता है।

कंप्यूटर की जानकारी होना अति अनिवार्य
स्कूल शिक्षा विभाग का कहना है की अब वेतन बनाने से लेकर सारी जानकारी विभाग को भेजने तक के लिए कंप्यूटर की जानकारी होना अति अनिवार्य है लेकिन अधिकांश स्कूलों में जो लिपिक कार्यरत है वह इस काम को नहीं जानते हैं और मजबूरन अनेक जगहों पर शिक्षकों को यह काम करना पड़ता है , जिस से पढ़ाई व्यवस्था प्रभावित होती है । कार्यालयों की दशा तो फिर भी ठीक है और वहां के बाबू दक्ष है लेकिन स्कूलों की स्थिति खराब है और यह किसी से छिपी भी नहीं है ।

बिलासपुर संभाग के संयुक्त संचालक ने निर्देश दिए
अब स्कूल शिक्षा विभाग के बिलासपुर संभाग के संयुक्त संचालक ने सभी जिला शिक्षा अधिकारियों को पत्र जारी कर के बीईओ ऑफिस, हाईस्कूल व हायर सेकेंडरी स्कूलों में काम करने वाले उन बाबूओ की सूची मंगाई है जिन्हें कंप्यूटर में टाइपिंग काम करना नहीं आता यह जानकारी 15 सितंबर तक कार्यालय में जमा करना है । उम्मीद है आने वाले दिनों में व्यवस्था को चुस्त-दुरुस्त करते हुए या तो ऐसे बाबुओं को कंप्यूटर सीखने के लिए कड़े निर्देश दिए जाएंगे या फिर इन पर कार्रवाई होगी क्योंकि यदि शिक्षकों से सही ढंग से काम लेना है तो उन्हें अन्य कार्यों से हटाना होगा और उसमें एक महत्वपूर्ण काम यह भी है उन्हें पूरी तरह लिपिकीय जिम्मेदारी से मुक्त किया जाए ।