कोरोना संकट में हाईकोर्ट के फैसले से नाराज सैकड़ों डॉक्टरों ने दिया इस्तीफा

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ग्वालियर। कोरोना संकट के बीच बड़ी खबर सामने आ रही है। हाईकोर्ट के फैसले से नाराज सैकड़ों डॉक्टरों ने इस्तीफा दे दिया है। इससे पहले जूनियर डॉक्टरों ने गजराराजा मेडिकल कॉलेज के डीन को इस्तीफा सौंपने की बात कही थी।

330 जूनियर डॉक्टरों ने दिया इस्तीफा

वहीं ताजा जानकारी के मुताबिक ग्वालियर के 330 जूनियर डॉक्टरों ने इस्तीफा दे दिया है।

हाईकोर्ट ने हड़ताल को किया अवैध घोषित

इससे पहले जूनियर डॉक्टर्स की प्रदेशव्यापी हड़ताल के मामले में हाईकोर्ट ने बड़ा फैसला करते हुए हड़ताल को अवैध घोषित कर दिया है। HC में लंच के बाद फिर शुरू हुई सुनवाई के बाद कोर्ट ने जूनियर डॉक्टर्स का पक्ष सुना, और जूडा को HC ने विकल्प दिया कि सरकार के आश्वासन पर तत्काल कोविड ड्यूटी बहाल करें।

कोरोनाकाल में हड़ताल ब्लैकमेलिंग की तरह है

HC ने जूनियर डॉक्टर्स की हड़ताल अवैध घोषित करते हुए कहा कि 24 घण्टे में काम पर लौटें, काम पर न लौटें जूडा तो राज्य सरकार सख्त कार्रवाई करे, सुनवाई के दौरान चीफ जस्टिस मोहम्मद रफ़ीक ने अहम टिप्पणी करते हुए कहा कि कोरोनाकाल में हड़ताल ब्लैकमेलिंग की तरह है, डॉक्टर्स ने अपनी शपथ भुलाई लेकिन हम अपनी शपथ नहीं भूले हैं।

इसके पहले आज जबलपुर हाईकोर्ट में जूनियर डॉक्टर्स की हड़ताल के खिलाफ HC में लंबित याचिका पर सुनवाई शुरू हुई, याचिकाकर्ता ने जूडा की फिर हड़ताल के ख़िलाफ़ अंतरिम आवेदन दायर किया था, डॉक्टर्स की हड़ताल के खिलाफ शैलेन्द्र सिंह की जनहित याचिका लंबित है, साल 2014 और 2018 में HC जूडा की हड़ताल को गलत बता चुका था।

प्रतिदिन काली पट्टी बांधकर 2 घंटे करेंगे कामबंद

इधर इंदौर में जूडा की हड़ताल को मध्यप्रदेश चिकित्सा अधिकारी संघ ने भी समर्थन दिया था, एमजीएम मेडिकल कॉलेज के डीन को ज्ञापन सौंपकर एसोसिएशन ने 48 घंटे का अल्टीमेटम दिया है, प्रतिदिन काली पट्टी बांधकर 2 घंटे कामबंद करेंगे।