रायपुर। छत्तीसगढ़ के आबकारी मंत्री कवासी लखमा का विवादों से हमेशा पुराना नाता रहा है। समय-समय पर अपनी विवादित बयानों से पार्टी को एवं सरकार को मुसीबत में खड़ा करते रहे हैं। एक बार फिर अपने नए विवादों से चर्चा में आए हैं। एक और जहां कोरोना के इस भयंकर महामारी में देश सहित पूरे छत्तीसगढ़ में लाकडाउन है। सरकार सबको घर में रहने व सोशल डिस्टेंसिंग का निर्देश दे रही है। ऐसे में सरकार में जिम्मेदार पद में बैठे नेता खुद नियम तोड़ रहे हैं। मामला यह है कि छत्तीसगढ़ के आबकारी मंत्री कवासी लखमा सरकार द्वारा बनाए नियम की धज्जियां उड़ाते हुए खुद रायगढ़ पहुंच गए। इतना ही नहीं रायगढ़ पहुंचने के बाद पत्रकारों के प्रश्न का जवाब देते हुए रायगढ़ दौरा के संदर्भ में जानकारी चाहने पर मंत्री कहते हैं कि रायपुर में बैठे-बैठे बोर हो रहा था। तो टाइम पास करने रायगढ़ चला आया।
आबकारी मंत्री कवासी लखमा कि इस सैर सपाटे और गैर जिम्मेदाराना बयान पर भाजपा नेत्री एवं साहू समाज की राष्ट्रीय महिला अध्यक्ष डॉक्टर ममता साहू की तिखा सवाल करते हुए पद से इस्तीफा मांगा है। उन्होंने कहा है कि छत्तीसगढ़ के मंत्री का ऐसा गैरजिम्मेदाराना बयान उनकी जनता के प्रति जवाबदेह पर प्रश्न खड़ा करती है। क्या सरकार के सारे नियम कानून आम जनता के लिए ही है और मंत्री अपने बोरियत दूर करने लाक डाउन तोड़ सकता है।
अगर मंत्री घर में बैठे बैठे बोर हो रहे हो तो उन्हें अपने पद से इस्तीफा दे देना चाहिए। सरकार के मंत्री के पास अगर कोई काम नहीं है तो उसे पद पर बने रहने रहने का कोई अधिकार नहीं। लाक डाउन के चलते छत्तीसगढ़ में अन्य राज्यों से शराब की अवैध बिक्री हो रही है।
इस पर मंत्री महोदय का कोई ध्यान नहीं। पूरे प्रदेश में आज अवैध शराब बिक्री चरम पर है ऐसे में मंत्री महोदय अपने मनोरंजन हेतु सैर सपाटे में निकल रहें हैं। वो भी लाक डाउन के नियमों का उल्लघंन करके खुद सरकार के नियमों का धता बता रहे हैं। अतः ऐसे गैरजिम्मेदार, निष्क्रिय और लापरवाह मंत्री को तत्काल अपने पद से इस्तीफा देना चाहिए।