नई न्याय प्रणाली मानवीय संवेदनाओं को देती है सर्वोच्च प्राथमिकता- मुख्यमंत्री विष्णु देव साय

0
104

मुख्यमंत्री विष्णु देव साय की उपस्थिति में छत्तीसगढ़ पुलिस एवं हिदायतुल्लाह राष्ट्रीय विधि विश्वविद्यालय के मध्य नवीन आपराधिक कानूनों पर प्रशिक्षण हेतु हुआ एमओयू

ऐसा एमओयू करने वाला छत्तीसगढ़ पहला राज्य

रायपुर, 06 मार्च 2024 । मुख्यमंत्री विष्णु देव साय की उपस्थिति में मंगलवार को पुलिस मुख्यालय, नवा रायपुर में नवीन आपराधिक कानूनों पर पुलिस अधिकारी एवं कर्मचारियों को प्रशिक्षण देने हेतु छत्तीसगढ़ पुलिस एवं हिदायतुल्लाह राष्ट्रीय विधि विश्वविद्यालय, नवा रायपुर के बीच एमओयू पर हस्ताक्षर किये गए। एमओयू के तहत नवीन कानूनों भारतीय नागरिक सुरक्षा संहिता, भारतीय न्याय संहिता एवं भारतीय साक्ष्य अधिनियम, 2023 पर पुलिस अधिकारी एवं कर्मचारियों को प्रशिक्षण दिया जाएगा।

इस अवसर पर मुख्यमंत्री विष्णु देव साय ने कहा कि, “नवीन कानून छत्तीसगढ़ राज्य के कानूनी परिदृश्य में एक महत्वपूर्ण मील का पत्थर साबित होंगे। नवीन अपराधिक कानूनों पर छत्तीसगढ़ के पुलिस अधिकारियों को व्यापक रूप से प्रशिक्षण प्रदाय करने हेतु हिदायतुल्लाह राष्ट्रीय विधि विश्वविद्यालय एवं छत्तीसगढ़ पुलिस के मध्य समझौता ज्ञापन पर हस्ताक्षर हुआ।
समझौता ज्ञापन पर हस्ताक्षर करना कानूनी प्रणाली को मजबूत करने एवं सभी के लिए त्वरित न्याय सुनिश्चित करने की प्रतिबद्धता को दर्शाता है। सरकार नवीन आपराधिक कानूनों की मंशानुरूप छत्तीसगढ़ के नागरिकों को त्वरित एवं समुचित न्याय प्रदान करने कृत संकल्पित है। हमारी नई न्याय प्रणाली मानवीय संवेदनाओं को सर्वोच्च प्राथमिकता देती है। यह भारतीय न्याय प्रणाली का बहुत बड़ा टर्निंग पाईंट है एवं देश में नये अध्याय की शुरूआत होती है। जहां अंग्रेजों के कानून में दंड पर जोर दिया गया है, वहीं देश के नवीन कानून न्याय की बात करता है।”

इस अवसर पर उप मुख्यमंत्री विजय शर्मा ने अपने उद्बोधन में कहा कि, “तीन कानूनों के संदर्भ में जब चर्चा प्रारंभ हुई तब हमने भी राज्य में विचार विमर्श कर निर्णय लिया कि महिलाओं के विरूद्ध कोई अपराध घटित होता है तो इस मामले में समुचित कार्रवाई के लिए महिला थाना की संख्या बढ़ानी चाहिए । इसे हमने संकल्प के रूप में लेकर प्रथम बजट में ही जिलों में नवीन महिला थाना खोले जाने का प्रावधान किया है। 07 साल से अधिक के प्रकरण में फोरेंसिक जांच होनी चाहिए। हम फोरेंसिक जांच को और अधिक सशक्त बनाएंगे। इस हेतु बिलासपुर यूनिवर्सिटी से करार कर एम.एस.सी इन फोरेंसिक की पढ़ाई हो इसके प्रयास किये जा रहे हैं। नवीन कानून में संगठित अपराध, आतंकवाद को परिभाषित किया गया है एवं माब लिंचिंग एवं अनाचार के मामलों में मृत्युदंड का प्रावधान किया गया है।”

इस अवसर पुलिस महानिदेशक अशोक जुनेजा ने कहा कि, “भारत की संसद द्वारा पारित किए गए 3 नवीन कानून जो दिनांक 01 जुलाई, 2024 से पूरे देश में लागू हो रहे हैं।”