एक हफ्ते में 45 रुपए महंगा हुआ सिलेंडर:गैस सिलेंडर के दाम फिर 25 रु. बढ़े, शहर में 860 में मिल रहा, दो माह में 150 तक वृद्धि….

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घरेलू गैस सिलेंडर की कीमत 25 रुपए बढ़ गई है। केवल दो महीने में 150 और पिछले एक हफ्ते में सिलेंडर की कीमत में 45 रुपए तक इजाफा हुआ है। पेट्रोलियम कंपनियों ने तीन महीने में लगातार 7वीं बार एलपीजी सिलेंडरों की कीमत बढ़ायी है। सिलेंडरों की कीमत जितनी तेजी से बढ़ रही है उतनी ही तेजी से खातों में जमा होने वाली सब्सिडी कम हो रही है।

घरेलू सिलेंडर इसी हफ्ते गुरुवार को 25 रु. महंगा हो गया। कुछ दिन पहले तक 840.50 रुपए में मिलने वाला सिलेंडर अब 860.50 रुपए में मिलने लगा है। गैस एजेंसी के संचालकों का कहना है कि अभी कमर्शियल गैस 80.52 रुपए प्रति किलो और घरेलू गैस करीब 61.14 रुपए प्रति किलो पड़ रहा है।

पहले जो सब्सिडी मिलती थी उसके अनुसार इस कीमत पर ग्राहकों के खातों में हर सिलेंडर पर करीब 318 रुपए की सब्सिडी जमा होनी चाहिए। फिलहाल ऐसा नहीं हो रहा है। ग्राहकों के खातों में केवल 61 रुपए ही सब्सिडी के जमा हो रहे हैं। खातों में सब्सिडी की रकम कम जमा होने की वजह से लोग अब इसकी जानकारी भी नहीं ले रहे हैं।

सब्सिडी कम आने के कारण अब ग्राहकों को लगने लगा है कि केंद्र सरकार ने सब्सिडी खत्म कर दी है। हालांकि अभी ऐसा नहीं हुआ है, मार्च तक लोगों के खातों में सब्सिडी आएगी। नए वित्तीय साल में इसे खत्म करने की तैयारी है।

उज्जवला पर भी खासा असर
एलपीजी सिलेंडरों की बढ़ती कीमतों का सबसे बड़ा असर बीपीएल परिवारों को मिलने वाले उज्जवला गैस कनेक्शन पर हो रहा है। सिलेंडरों की बढ़ती कीमत के बाद गरीब परिवार उसकी दोबारा रिफिलिंग नहीं करवा रहे हैं। विभागों से मिली जानकारी के अनुसार एक बार निशुल्क या कम कीमत में गैस कनेक्शन मिलता है। इसके बाद लोगों को अपनी रकम से सिलेंडर लेना पड़ता है। अब सिलेंडर महंगा होने की वजह से लोग न तो उसकी बुकिंग करवा रहे हैं और न ही दोबारा खरीद रहे हैं।

इस तरह बढ़ती गई कीमत
तारीख – घरेलू सिलेंडर – कमर्शियल
1 दिसंबर – 648 – 1307
1 जनवरी – 698 – 1360
27 जनवरी – 765 – 1550
20 फरवरी – 840 – 1534
25 फरवरी – 860 – 1540

सिलेंडरों की खपत में कोई कमी नहीं
एलपीजी सिलेंडरों की कीमत भले ही तेजी से बढ़ रही है, लेकिन खपत में कोई कमी नहीं हो रही है। पेट्रोलियम कंपनियों से मिली जानकारी के अनुसार हर महीने एजेंसियों से उतनी ही बुकिंग आ रही है जितनी पहले आती थी। घरों में जरूरी सामान होने की वजह से लोग सिलेंडरों के खत्म होने से पहले ही उसकी बुकिंग करवा रहे हैं।

यही वजह है कि एजेंसियों में अभी भी सिलेंडरों की डिलीवरी पूरी तरह क्लियर नहीं हो रही है। लगभग सभी एजेंसी वाले बुकिंग से दो से चार दिन तक पीछे चल रहे हैं।