छत्तीसगढ़ पाठ्य पुस्तक निगम में 101 करोड़ का घोटाला,अधिकारियों पर होगी FIR

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रायपुर। छत्तीसगढ़ पाठ्यपुस्तक निगम में एक सौ एक करोड़ रुपये से ज्यादा की वित्तीय अनियमितता मामले पर अध्यक्ष शैलेश नितिन त्रिवेदी का बयान सामने आया है। कहा कि 2019 में चेक भुगतान को लेकर नियम बनें। MD और राज्य वित्त सेवा अधिकारी के हस्ताक्षर जरूरी थे। आगे कहा कि नियम विरुद्ध 72 करोड़ का भुगतान हुआ, बड़ी अनियमितता है। अधिकारियों को तत्काल कार्रवाई के निर्देश दे रहे हैं।
अधिकारियों के खिलाफ होगी एफआईआर दर्ज

पाठ्य पुस्तक निगम के अध्यक्ष शैलेष नितिन त्रिवेदी ने प्रेस कॉन्फ्रेंस कर बताया कि तत्कालीन महाप्रबंधक अशोक चतुर्वेदी ने नियमों की जमकर धज्जियां उड़ाई है। उन्होंने हस्ताक्षर कर 72 करोड़ का भुगतान कर दिया है। इस पूरे मामले में जांच का आदेश दे दिया है। अधिकारियों को प्रभावी कार्रवाई करने के निर्देश दिए हैं। इसके अलावा प्रिंटर्स को बिना काम कराए 8 करोड़ 20 लाख रुपये का भुगतान मामले में दोषी अधिकारियों के खिलाफ एफआईआर दर्ज होगी।

पाठ्यपुस्तक निगम से मांगा जवाब
दरअसल, 2008-09 के लोकल फंड ऑडिट में पाठ्यपुस्तक निगम में 100 करोड़ से ऊपर की वित्तीय अनियमितता सामने आई। ये अनियमितता 2004 से 2010 के बीच की थी। 25 जुलाई 2017 को इन तमाम अनियमितताओं पर पाठ्यपुस्तक निगम से स्पष्टीकरण मांगा गया और 4 महीनों के भीतर जवाब देने को कहा गया, लेकिन निगम के अधिकारियों ने कोई जवाब नहीं दिया। इस मामले के चार साल बाद फिर से छत्तीसगढ़ राज्य संपरीक्षा की ओर से पाठ्यपुस्तक निगम को पत्र लिख कर 101 करोड़ से ज्यादा की वित्तीय अनियमितता पर जवाब देने को कहा गया है। चुंकि मामला 2017 के कार्यकाल से जुड़ा है, लिहाजा मौजूदा अध्यक्ष पुराने कार्यकाल को लेकर हमलावर हो गए हैं।