16 नवंबर 2019 रायपुर। मात्र 20 दिन पहले छत्तीसगढ़ राज्य के 30 सुविधाविहीन नर्सिंग कॉलेज को संचालनालय चिकित्सा शिक्षा द्वारा ज़ीरो ईयर किया गया था, अब 20 दिनों के भीतर ही अचानक चिकित्सा विभाग ने सभी 30 नर्सिंग महाविद्यालयों के संचालकों को अंतिम अवसर प्रदान करने हेतु रविवार को 3 बजे एक आवश्यक बैठक बुलाई है, इस पूरे घटनाक्रम में अचानक रातो रात छुट्टी के दिन बैठक बुलाना संदेह को जन्म देता है।
जीरो ईयर घोषित करने से पहले प्रत्येक नर्सिंग कॉलेजों को पहले ही दो – दो बार अंतिम अवसर कहते हुए अनेक अवसर दिया जा चुका है। जीरो ईयर घोषित होने से पहले प्रत्येक नर्सिंग कॉलेजों को उनकी कमियां लिखित में बताई गई थी एवं उन कमियों को पूर्ति करने के बाद दो बार निरीक्षण भी किया जा चुका है।
राजधानी रायपुर के एक निजी नर्सिंग कॉलेज का तो प्रशासनिक दबाव के चलते इस वर्ष कुल तीन बार निरीक्षण किया जा चुका है, फिर भी उनके कॉलेज में सुविधाएं उपलब्ध नहीं हो पा रही हैं।
नर्सिंग पाठ्यक्रम संचालन का मुख्य आधार होता है क्लीनिकल प्रशिक्षण हेतु हॉस्पिटल की उपलब्धता, और छत्तीसगढ़ में तो इतने हॉस्पिटल ही नहीं है कि इस छोटे से राज्य में 105 नर्सिंग कॉलेजों का गुणवत्तायुक्त तरीके से संचालन हो सकें।
नर्सिंग कॉलेज हेतु 3 एकड़ जमीन और 100 बिस्तर का हॉस्पिटल चाहिए जो राज्य के लगभग 30 नर्सिंग कॉलेजो मे नही है,इसलिए उन्हें जीरो ईयर किया गया है….
अब देखना यह है कि मात्र 2 कमरों में संचालित होने वाले सुविधाविहीन नर्सिंग कॉलेज अचानक 20 दिनों में उच्च गुणवत्ता युक्त व मापदंडों के अनुरूप कैसे हो गए है…….