नर्सिंग की 600 सीटें खाली.. अब स्वास्थ्य मंत्री को गलत जानकारी देकर सीटें रद्द करने की तैयारी में चिकित्सा शिक्षा विभाग के अधिकारी.. CM भूपेश से शिकायत..

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रायपुर। छत्तीसगढ़ में नर्सिंग की 600 से अधिक सीटें खाली है। चिकित्सा शिक्षा विभाग के अधिकारियों की लापरवाही से नर्सिंग कॉलेजों की खाली पड़ी सीटें से संघ खासा नाराज है। और इसकी शिकायत मुख्यमंत्री भूपेश बघेल से कर दी है। छत्तीसगढ़ निजि नर्सिंग महाविद्यालय संघ के सचिव डॉ. प्रफ्फुल गुप्ता ने मुख्यमंत्री भूपेश बघेल को पत्र लिखाकर चिकित्सा शिक्षा व्यवस्था पर ध्यान क्रेद्रिंत कराया है। उन्होंने लिखा कि स्वास्थ्य मंत्री टीएस सिंहदेव को अस्पष्ट जानकारी देकर 600 सीटों को समाप्त करने की तैयारी में है।

दरअसल पिछले 5 महीने से कॉउंसिलिंग प्रकिया चल रही हैं, विलंब होने के कारण PNT परीक्षा में शामिल हुए छात्र नहीं मिल रहे है, लेकिन विभाग यह तर्क दे रहा है कि 38000 नर्सेस राज्य में बेरोजगार है। डॉ. प्रफ्फुल गुप्ता के मुताबिक ये तर्क पुर्णतः भ्रामक व असत्य है, जो नर्सेस पढ़ कर निकली है व शासकीय या निजि क्षेत्र में कार्यरत है।

पढ़िए छत्तीसगढ़ निजि नर्सिंग महाविद्यालय संघ के सचिव डॉ. प्रफ्फुल गुप्ता के मुख्यमंत्री के नाम पत्र

प्रति,

माननीय मुख्यमंत्री महोदय,

सादर प्रणाम ,

हम छत्तीसगढ़ के नर्सिंग कालेज संचालक निम्नलिखित तथ्य आपके संज्ञान में लाना चाहते है-

1. राज्य में नर्सिंग की लगभग 600 सीटे रिक्त पड़ी हुई है, जो की नियमों की अव्यवहारिकता/ जटिलता के कारण रिक्त है।

2. चिकित्सा शिक्षा विभाग के कुछ अधिकारियों द्वारा माननीय स्वास्थ्य मंत्री जी को अस्पष्ट जानकारी देकर इतनी सारी रिक्त सीटों को समाप्त (Laps) किया जा रहा है, जबकि इस पाठ्यक्रम में प्रवेश हेतु छत्तीसगढ़ राज्य में विद्यार्थी उपलब्ध है ।

 3. विगत 5 महीने से कॉउंसिलिंग प्रकिया चल रही हैं, विलंब होने के कारण PNT परीक्षा में सम्मिलित विद्यार्थी नहीं मिल रहे है, किन्तु विभाग यह तर्क दे रही है कि 38000 नर्सेस राज्य में बेरोजगार है, यह तर्क पुर्णतः भ्रामक व असत्य है, जो नर्सेस पढ़ कर निकली है व शासकीय या निजि क्षेत्र में कार्यरत है।

4. विभाग के अधिकारी माननीय मंत्री जी को गलत जानकारी दे रहे है कि कॉलेज संचालक UP-Bihar से विद्यार्थी बुलाकर प्रवेश देते है, जबकि ऐसा नही है, छत्तीसगढ़ के अनेक विद्यार्थी ही इस पाठ्यक्रम में प्रवेश लेना चाहते है किंतु प्रवेश परीक्षा न देने के कारण ये वंचित हो रहे है।

5. छत्तीसगढ़ के अलावा मध्यप्रदेश व महाराष्ट्र में प्रवेश परीक्षा की बाध्यता नहीं है।

 6. इस वर्ष माननीय उच्च न्यायालय में दायर जनहित याचिका के कारण इन सभी नर्सिंग कॉलेजों की गुणवत्ता की जांच करने सयुंक्त निरीक्षण समिति गठन की गई जो छापामार कार्यवाही करते हुए राज्य के सभी नर्सिंग कॉलेजों का विलंब से औचक निरीक्षण कार्य लगभग 2 माह तक संपादित किया। इसके पश्चात निरीक्षण समिति की अनुशंसा पर विश्वविद्यालय ने इस वर्ष लगभग 30 नर्सिंग कॉलेजों को शून्य वर्ष घोषित कर दिया।

7. इन 30 नर्सिंग कॉलेजों में से कुछ कॉलेजों ने उच्च न्यायालय के आदेश के माध्यम से अपना पक्ष रखने हेतु पुनः निरीक्षण करवाया जो कि लगभग 1 माह तक संपादित हुआ।

8. चूंकि वर्तमान में पंजीकृत विद्यार्थी की मेरिट लिस्ट अब समाप्त हो गई है, और कोई भी ऐसे विद्यार्थी जो PNT में सम्मिलित थे, अब उपलब्ध नहीं है, एवं सम्पूर्ण राज्य में बी. एस. सी. नर्सिंग की लगभग 600 सीटें रिक्त है।

9. सत्र 2019 – 20 की काउंसिलिंग प्रक्रिया उच्च न्यायालय के निर्णय व जटिल प्रवेश नियमो के कारण इतनी लंबी चली, जिससे नर्सिंग में पंजीकृत विद्यार्थी दूसरे पाठ्यक्रमो में प्रवेश ले लिए, जिससे वर्तमान में मान्यता प्राप्त नर्सिंग कॉलेजों में लगभग 600 सीटें खाली हैं।

उक्त सभी परिस्थितियों / तथ्यों में ध्यान रखते हुए आपसे विनम्र अनुरोध है कि विगत वर्षो की तरह इस वर्ष भी 12 वी उतीर्ण विद्यार्थियों के माध्यम से रिक्त सीटों में प्रवेश की अनुमति प्रदान की जाए।

             धन्यवाद

          डॉ प्रफ्फुल गुप्ता, 

               सचिव

छत्तीसगढ़ निजि नर्सिंग महाविद्यालय संघ, रायपुर