बड़ी खबर: भूपेश कैबिनेट की बैठक में बड़ा फैसला, जमीन रजिस्ट्री में 30 फीसदी की छूट, और भी लिए गए कई अहम फैसले..

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19 जुलाई 2019, रायपुर। शुक्रवार देर शाम मंत्रालय में भूपेश कैबिनेट की बैठक ली हुई। बैठक में तीन मुद्दों पर चर्चा हुई।

मीटिंग में पंचायती राज के अनुमोदन पर कैबिनेट ने मुहर लगा दी है। इसके साथ ही कोरबा में बंद पड़ी 50-50 मेगावाट की चार यूनिट की भूमि का दूसरा उपयोग किया जाएगा।

पंजीयन शुल्क में की गई कटौती

पंजीयन शुल्क को लेकर कलेक्टर गाइडलाइन के तहत बाजार मूल्य में 30 प्रतिशत की कमी की गई है। इससे रियल स्टेट में चल रहा मंदी का दौर भी खत्म होगा।

रियल एस्टेट के जानकारों का कहना है कि इस फैसले से अब रियल एस्टेट में मंदी का दौर ख़त्म हो जाएगा। बीते 3 वर्षों में पंजीयन से प्राप्त होने वाले राजस्व में लगातार कमी हो रही थी। वर्तमान में गाइडलाइन दरें, बाजार मूल्य से अधिक थी। जिसके चलते रियल एस्टेट की विशेष समझ रखने वाले लोगों का कहना था कि पंजीयन शुल्क ज्यादा होने के कारण रियल एस्टेट में कैश फ्लो कम हो गया है। अब मंत्री परिषद की बैठक में निर्णय लिया गया है कि पूरे प्रदेश में स्थावर संपत्ति बाजार मूल्य गाइडलाइन की दरों में 30 प्रतिशत की कमी की जाये।

पंजीयन शुल्क 0.8 प्रतिशत से बढ़ाकर गाइड लाइन मूल्य का 4 प्रतिशत किया जाये। अब पंजीयन पर कुल कर 10.25 प्रतिशत हो जाएगा। लेकिन पक्षकारों द्वारा देय भुगतान पर नगण्य अंतर आएगा। इससे दस्तावेजों के पंजीयन में वृद्धि होगी. साथ ही राजस्व में भी वृद्धि होगी। इससे रियल एस्टेट एवं निर्माण क्षेत्र के विकास में तेजी आएगी। रियल एस्टेट एवं निर्माण क्षेत्र में विकास से रोजगार में भी वृद्धि होगी। रजिस्ट्री शुल्क में एकमुश्त कटौती कर बेहतर परिणाम के लिए तमिलनाडु और मध्यप्रदेश शासन ने भी फैसले लिए थे। रजिस्ट्री शुल्क में कटौती के फैसले के बाद तमिलनाडु और एमपी के रियल एस्टेट क्षेत्र में बेहतर परिणाम नजर आया था।

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