CAG की रिर्पोट में बड़ा खुलासा, अफसरों की मिलिभगत से हुआ करोड़ों का टेंडर घोटाला, 4600 करोड़ की ई-टेंडरिंग में गड़बड़ी

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10 जनवरी 2019, रायपुर। कैग ने प्रेस कॉन्फ्रेंस कर 17 विभागों के 4600 करोड़ की ई-टेंडरिंग में अधिकारियों पर गड़बड़ी का आरोप लगाया है। कैग ने इसका खुलासा करते हुए 17 विभागों के अधिकारियों पर गंभीर आरोप लगाए हैं। महालेखाकर विजय कुमार मोहंती ने CAG की रिपोर्ट पेश किये जाने के बाद प्रेस कांफ्रेंस कर इसकी पूरी जानकारी दी। मोहंती ने बताया कि तीन अलग-अलग सेक्टरों में रिपोर्ट पेश की गयी है। सोशल सेक्टर में भी बड़े पैमाने पर गड़बड़ियां सामने आयी है।

अधिकारियों पर आरोप लगाते हुए महालेखाकार ने खुलासा किया है कि जिस कंप्यूटर से टेंडर के लिए बोली लगाई गई, उसी कंप्यूटर से फॉर्म भी भरे गए। बता दें कि 74 कंप्यूटर से ई-टेंडरिंग की बोली लगाई गई थी।

इसके साथ ही कैग का आरोप है कि संबंधित विभागों ने जरूरी दस्तावेज पेश नहीं किए। इसके साथ ही सूबे की स्वास्थ्य व्यवस्था पर भी सवाल उठाए हैं। कैग ने कहा है कि प्रदेश में स्वास्थ्य केंद्रों की संख्या जरूरत से कम होने के साथ अस्पताल में मौजूद मेडिकल उपकरण भी जरूरत से 33 से 53 फीसदी तक कम हैं। सबसे बड़ी परेशानी दवाइयों की कमी है, सही समय पर दवाइयों की खरीदी और वितरण नही होने के कारण परेशानी आ रही है। डिलेवरी के लिए आने वाली महिलाओं को 24 घंटे अस्पताल में होना चाहिये.. लेकिन सुविधाओं की कमी के कारण वे नहीं रहती, जिसके कारण शिशु औऱ मातृ मृत्यु दर में बढ़ोतरी हुई है।

मोहंती ने आगे बताया कि रिपोर्ट में 21 ऐसी स्कूलों में गड़बड़ियों का खुलासा हुआ, जो अस्तित्व में ही नहीं हैं। कैग ने बताया कि इन स्कूलों के नाम पर SC-ST स्कॉलरशिप ली जा रही थी। इस मामले में एक करोड़ 40 लाख रुपए की रिकवरी का आदेश दिए गए हैं।

कैग ने जानकारी देते हुए बताया कि इस मामले में सरकारी स्कूल के छह और प्राइवेट स्कूल के 13 प्रिंसिपल सहित 20 अधिकारियों के खिलाफ एफआईआर दर्ज की गई है।

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