हरतालिका तीज पर कई सालों बाद बन रहा अद्भुत संयोग, जानें शुभ मुहुर्त और पूजा की विधि…

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धर्म। हरतालिका तीज भाद्रपद के शुक्ल पक्ष की तृतीया को मनाई जाती है, इस बार 9 सितंबर को मनाई जाने वाली हरतालिका तीज पर 14 वर्ष बाद रवियोग बन रहा है। ज्योतिषाचार्य के अनुसार इस अद्भुत योग में व्रत और पूजन से सुहागिन महिलाओं की सभी मुरादें पूरी होगीं। हरतालिका तीज पर भगवान शिव और माता पार्वती के पूजन का विशेष महत्व है।

इस दिन सुहागिन महिलाएं अपने पति की लंबी आयु और सुख-समृद्धि के लिए व्रत रखती हैं, ये व्रत निराहार और निर्जला किया जाता है, हरतालिका तीज हरियाली और कजरी तीज के बाद मनाई जाती है, हरतालिका तीज व्रत हिन्दू धर्म में सुहागिन महिलाओं द्वारा रखा जाने वाला अत्यंत कठिन और अति शुभ फलदायी व्रत माना गया है।

हरतालिका तीज पर रवियोग 14 वर्ष बाद चित्रा नक्षत्र के कारण बन रहा है, जो 9 सितंबर दोपहर 2 बजकर 30 मिनट से अगले दिन 10 सितंबर 12 बजकर 57 मिनट तक रहेगा। हरतालिका तीज अति शुभ समय शाम 5 बजकर 16 मिनट से शाम को 6 बजकर 45 मिनट तक। वहीं शुभ समय 6 बजकर 45 मिनट से 8 बजकर 12 मिनट तक है। हरतालिका व्रत की पूजा के समय रवियोग रहेगा।

हरतालिका तीज पर पूजन के दौरान महिलाएं काले, नीले और बैंगनी रंग के वस्त्र न पहनें। लाल, महरूम, गुलाबी, पीले और हरे रंग के वस्त्रों को पहनकर पूजा करें, महिलाएं विधि पूर्वक पूर्व अथवा उत्तर दिशा की और मुख करके मां पार्वती और भगवान शिव का पूजन करें, वहीं इस बार हरतालिका तीज गुरुवार के दिन पड़ने के कारण भगवान विष्णु की भी कृपा प्राप्त होगी।

वहीं जिन कन्याओं के विवाह में बाधाएं आ रही हैं और विलंब हो रहा है, तो इस व्रत को करने से उनका विवाह जल्द होगा। धार्मिक मान्यता है कि हरतालिका तीज व्रत का पूजन रवियोग में करने से सभी मुरादें पूरी होती हैं।