नर्सिंग कॉलेजों ने अपने स्तर पर एडवांस में कराए एडमिशन.. अब जीरो ईयर घोषित होने के बाद ओरिजिनल डॉक्यूमेंट और पैसे के लिए भटक रहे हैं विद्यार्थी..

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रायपुर 10 नवंबर, 2019। छत्तीसगढ़ में चिकित्सा शिक्षा विभाग की देरी का अब विद्यार्थियों पर असर पड़ने लगा है । जीरो ईयर घोषित होने के बाद भी प्रदेश के कई नर्सिंग कॉलेजों में एडमिशन के एडवांस में पैसे और ओरिजिनल मार्कशीट लिए जाने का मामला सामने आया है। दरअसल 09 नवम्बर को संचालनालय चिकित्सा शिक्षा विभाग ने कॉउंसलिंग की प्रथम सूची जारी कर दी है। जिसमें 4470 विद्यार्थियों में से 2807 विद्यार्थियों ने प्रथम सूची में आबंटन प्राप्त कर लिया है।

जिसमें प्रवेश की अंतिम तिथि 12 नवम्बर शाम 4 बजे तक निर्धारित की गई है, किंतु जब विद्यार्थियों ने यह पंजीयन करवाया था तब सभी कॉलेज के नाम चॉइस सूची में दिखाई दे रहे थे, पंजीयन समाप्त होने के बाद विभाग ने 30 नर्सिंग कॉलेजो में 0 ईयर घोषित कर दिया।

अब इन 30 नर्सिंग कॉलेजों का चयन किये हुए लगभग 1500 विद्यार्थी इधर-उधर भटक रहे है, क्योकि अनेक ऐसी संस्थाएं है। जिनका 0 ईयर हुआ है, उन संस्थाओ के संचालकों ने विद्यार्थियों के बदले स्वयं ही विद्यार्थियों का ऑप्शन फॉर्म भरा है, और केवल एक ही कॉलेज का नाम डाला गया है अन्य किसी का नहीं अब चूंकि ये 30 संस्थाएं सूची से बाहर हो गयी है तो इन संस्थाओं में एडवांस में दिये गए पैसा एवम अपने मूल मार्कशीट वापस मांगने पर संचालकगण व स्टाफ विद्यार्थियों को न तो पैसे वापस कर रहे है और ना ही मूल अंकसूची दे रहे है। ऐसी स्थिति सरगुजा, कोरिया, बलरामपुर क्षेत्र में सर्वाधिक है, क्योकि अधिकतम 12 कॉलेज केवल सरगुजा, कोरिया, बलरामपुर क्षेत्र के ही है। अब विद्यार्थियों के समक्ष संकट खड़ा हो गया है एक तरफ विभाग ने 30 कॉलेज को 0 ईयर घोषित कर चुकी है। दूसरी तरफ 0 ईयर हुए कॉलेजो के संचालक विद्यार्थियों को अन्य कॉलेजों में प्रवेश लेने की अनुमति भी नहीं दे रहे है अब देखना यह है कि संचालनालय चिकित्सा शिक्षा इस मामले में क्या निर्णय लेते है।
चिकित्सा शिक्षा विभाग के डायरेक्टर डॉ आदिले सर से दूरभाष पर इस विषय पर बात किया गया तो उन्होंने कहा कि अगर विभाग को किसी भी विद्यार्थी से शिकायत मिलती है, तो ऐसी संस्थाओ के खिलाफ कड़ी कार्यवाही की जाएगी।