आखिर क्या है WMCC बैठक, जिसके होने से सुलझ सकता है भारत-चीन का तनाव

0
175

नई दिल्‍ली : भारत और चीन के बीच वास्‍तविक नियंत्रण रेखा (LAC) पर पिछले करीब चार माह से जारी तनाव को दूर करने के लिए दोनों देश लगातार संपर्क में बने हुए हैं और इसे लेकर बातचीत भी हो रही है। इसी क्रम में गुरुवार एक बार फिर दोनों देशों के बीच वर्किंग मैकेनिज्‍म फॉर कंसल्‍टेशन एंड को-ऑर्डिनेशन (WMCC) की बैठक होने जा रही है, जिसमें पूर्वी लद्दाख में एलएसी से सटे इलाकों में डिसइंगेजमेंट और डि-एस्कलैशन पर बातचीत की जाएगी।

डिसइंगेजमेंट है क्या
भारत-चीन सेना के बीच डिसइंगेजमेंट का अर्थ यह है कि दोनों देशों की सेना एक-दूसरे के आमने-सामने न हों, जैसा कि तनाव की स्थिति में होता है। इसके बाद ही डि-एस्कलैशन यानी तनाव दूर किया जाना संभव हो पाएगा। भारत और चीन के बीच 17वीं WMCC बैठक पिछले महीने संपन्‍न हुई थी, जिसमें दोनों देशों ने एलएसी पर जल्‍द से जल्‍द डिसइंगेजमेंट की प्रक्रिया पूरी करने पर सहमति जताई थी, जिसके बाद ही डि-एस्कलैशन की प्रक्रिया में आगे बढ़ा जा सकता है।

इन इलाकों से पीछे नहीं हटा है चीन
भारत और चीन के बीच WMCC वार्ता में दोनों पक्षों की ओर से संयुक्‍त सचिव स्तर के अधिकारी शामिल होते हैं। कई दौर की सैन्‍य व कूटनीतिक वार्ता के बावजूद चीन ने अब तक फिंगर एरिया, देपसांग प्‍लेन और गोगरा में डिसइंगेजमेंट की प्रक्रिया पूरी नहीं की है।

भारत बना रहा चीन पर दबाव
फिंगर एरिया में चीनी सैनिक पिछले तीन महीने से भी अधिक समय से डेरा डाले हुए हैं। वे यहां बंकरों का निर्माण कर रहे हैं। वहीं भारत ने साफ कर दिया है कि एलएसी पर डिसइंगेजमेंट की प्रक्रिया पूरी होने पर ही तनाव कम करने की दिशा में कदम उठाया जा सकता है और इस लिहाज से यह बेहद जरूरी कदम है। भारत लगातार चीन पर दबाव बना रहा है कि वह एलएसी के सभी इलाकों से अपने सैनिकों को हटाए।