लोकसभा चुनाव के रिजल्ट आने में कुछ घंटे बाकी, छत्तीसगढ़ में इस बार फिर बनेगा इतिहास, चार विधायक, 1 मेयर और एक पूर्व मंत्री के भाग्य का भी होगा फैसला..

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22 मई 2019, रायपुर। छत्तीसगढ़ के सियासी समर का फैसला आने में अब चंद घंटे शेष है। लोकसभा चुनाव का परिणाम चार विधायक, एक महापौर, एक पूर्व मंत्री सहित सियासत के दिग्गजों के भाग्य का फैसला करेगा। कांग्रेस ने जहां चार विधायकों को मैदान में उतारकर लोकसभा की बाजी मारने का दम भरा है। तो भाजपा ने भी पूर्व मंत्री, पूर्व महापौर, पूर्व संसदीय सचिव और संगठन के दिग्गजों को मैदान में उतारकर विधानसभा चुनाव में खोई साख को एक बार फिर जुटाने का प्रयास किया है।

  • रायपुर लोकसभा से महापौर प्रमोद दुबे का मुकाबला भाजपा उम्मीदवार पूर्व महापौर सुनील सोनी से है।
  • दोनों ही नेता पहली बार लोकसभा चुनाव लड़ रहे हैं। दोनों का राजनीतिक अनुभव लगभग बराबर है।
  • राज्य गठन के बाद रायपुर नगर निगम के महापौर बने सुनील सोनी ने अपने पुराने काम और मोदी के नाम पर वोट मांगा, तो प्रमोद अपने कार्यकाल के दम पर चुनाव मैदान में ताल ठोंक रहे थे।
  • अब परिणाम तय करेगा कि जनता ने नये या पुराने महापौर में से किसे अपना प्रतिनिधित्व करने का मौका दिया है।
  • महासमुंद लोकसभा से विधायक धनेंद्र साहू को भाजपा के पूर्व विधायक चुन्नीलाल साहू टक्कर दे रहे हैं।
  • जातिगत समीकरण के आधार पर साहू बहुल महासमुंद लोकसभा में वोटों का बंटवारा जिसके पक्ष में ज्यादा हुआ है, उसे लोकसभा का ताज मिलेगा।
  • धनेंद्र ने जहां अपने राजनीतिक अनुभव और कद के आधार पर वोट मांगा, तो चुन्नीलाल को जातिगत समीकरण के साथ मोदी मैजिक का भरोसा है।
  • वहीं, बस्तर लोकसभा में विधायक दीपक बैज का मुकाबला पूर्व विधायक बैदूराम कश्यप से है।
  • दोनों ही उम्मीदवार एक ही विधानसभा से आते हैं।
  • यहां दोनों दलों ने अपने परंपरागत उम्मीदवारों की जगह नये चेहरे को मौका दिया है।
  • ऐसे में देखना है कि बस्तर के वोटर किसे अपनी पसंद बनाते हैं।
  • रायगढ़ लोकसभा में भाजपा ने मोदी सरकार में मंत्री रहे विष्णुदेव साय का टिकट काटकर गोमती साय को मैदान में उतारा, तो कांग्रेस ने मुकाबले में विधायक लालजीत राठिया को उतारकर मुकाबले को रोचक बना दिया।
  • एक ही जाति से आने वाले दोनों उम्मीदवारों के बीच यहां कांटे का मुकाबला है।
  • सरगुजा लोकसभा की आठ विधानसभा सीट पर कांग्रेस ने जीत दर्ज की, जिसके बाद विधायक खेलसाय सिंह को लोकसभा का टिकट दिया गया।
  • यहां से पूर्व मंत्री रेणुका सिंह ताल ठोंक रही है।
  • रेणुका ने प्रदेश में भाजपा के 15 साल के काम और केंद्र में मजबूत मोदी सरकार के नाम पर वोट मांगा।
  • वहीं, शांत-सौम्य खेलसाय सिंह ने बदलाव के नाम पर वोट की अपील की थी।
  • दोनों के बीच कांटे के मुकाबले में अब यह देखना दिलचस्प होगा कि सरगुजा के आदिवासी वोटरों का नेतृत्व कौन करता है।
  • मुख्यमंत्री भूपेश बघेल के गढ़ दुर्ग में पूर्व संसदीय सचिव विजय बघेल से भाजपा को चमत्कार की उम्मीद है।
  • मुख्यमंत्री के रिश्तेदार विजय को कांग्रेस की पूर्व विधायक प्रतिमा चंद्राकर कड़ी टक्कर दे रही हैं।
  • प्रदेश की इस हाईप्रोफाइल सीट पर जीत-हार का समीकरण आने वाली पांच साल की राजनीति की दिशा को तय करने वाला माना जा रहा है।

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