08 अगस्त 2019, श्रीनगर। अनुच्छेद 370 के निष्प्रभावी होने और जम्मू-कश्मीर के केंद्र शासित प्रदेश बनने के बाद अब धीरे-धीरे जिंदगी पहले की तरह शुरू हो रही है। प्रशासनिक पाबंदियों से कश्मीर घाटी में ठप हुआ सामान्य जनजीवन शुरू होता नजर आ रहा है और उम्मीद है कि जिंदगी यहां जल्द ही रफ्तार पकड़ लेगी।
प्रशासन ने हालात की समीक्षा करते हुए अगले दो दिन में चरणबद्ध तरीके से निषेधाज्ञा हटाने का फैसला किया है। अगर कानून व्यवस्था का संकट पैदा नहीं होता है तो दुकानें व अन्य गतिविधियां शुरू करने से सुरक्षाबल नहीं रोकेंगे। लैंडलाइन फोन भी चौबीस घंटों में बहाल किए जा सकते हैं। प्रशासन ने एहतियातन पाबंदियां लगा रखी हैं। इंटरनेट और टेलीफोन सेवाएं पूरी तरह ठप हैं। लोग जरूरी सामान खरीदने के लिए घरों से बाहर निकले और दुकानें भी खुलीं। हालांकि, प्रशासन ने लोगों को सिर्फ आपात परिस्थितियों में ही घरों से बाहर निकलने को कहा है।
पुलिस महानिदेशक दिलबाग सिंह ने कहा कि स्थिति की लगातार समीक्षा की जा रही है। स्थिति पूरी तरह नियंत्रण में और शांत है। कहीं से किसी अप्रिय घटना की कोई सूचना नहीं है। कुछेक जगहों पर तो लोग काम पर भी लौट रहे हैं। हमने कहीं कर्फ्यू नहीं लगाया है। सिर्फ एहतियातन निषेधाज्ञा लागू की है। हालात में सुधार के साथ ही प्रशासनिक पाबंदियों को हटा लिया जाएगा।
पुलिस के सुरक्षा विग से जुड़े एक अधिकारी ने बताया कि अगले सप्ताह 12 अगस्त सोमवार को ईद उल जुहा है। लोग बिना किसी मुश्किल ईद मना सकें, इसलिए चरणबद्ध तरीके से निषेधाज्ञा हटाई जा सकती है। किसी भी तरह की गड़बड़ी होने पर निषेधाज्ञा में राहत नहीं दी जाएगी। श्रीनगर के जिला उपायुक्त शाहिद इकबाल चौधरी ने भी कहा कि घाटी में लैंडलाइन फोन सेवा जल्द बहाल कर दी जाएगी। हालात की लगातार समीक्षा की जा रही है। सुधार के आधार पर निषेधाज्ञा में राहत भी दी जाएगी।
शहर के मौलाना आजाद रोड, राजबाग, इंदिरा नगर और श्रीनगर के बाहर कुछ कस्बों में लोग घरों से बाहर निकले तो उन्हें रोका नहीं गया। कुछेक जगहों पर रेहड़ी-फड़ी पर सामान बेचने वाले भी निकले। शहर के भीतरी हिस्सों और ग्रामीण इलाकों में दुकानें खुली। स्कूल-कॉलेज, सरकारी कार्यालय बंद रहे।
श्रीनगर और उत्तरी कश्मीर के बारामुला में कुछ जगहों पर शरारती तत्वों ने निषेधाज्ञा का उल्लंघन कर जुलूस निकलाने का प्रयास करते हुए सुरक्षाकर्मियों पर पथराव किया। हिसक झड़पों में एक दर्जन लोगों के जख्मी होने की सूचना है। कहा जा रहा है कि गत सोमवार को पालपोरा में पुलिसकर्मियों से बचने के प्रयास में एक प्रदर्शनकारी ने कथित तौर पर झेलम दरिया में छलांग लगा दी और दरिया में डूबने से उसकी मौत हो गई। उसका नाम उसैब अल्ताफ बताया गया है।
इस बीच, जम्मू संभाग में स्थिति नियंत्रण में है। निजी बस ऑपरेटर और एसआरटीसी की अंतरराज्यीय और अंतर जिला बस सेवा बहाल हो गई। हालांकि स्कूल, कॉलेज और विश्वविद्यालय बंद गुरुवार को भी बंद रहेंगे। जम्मू विवि ने परीक्षाओं को स्थगित कर दिया है। कांग्रेस नेता पूर्व मुख्यमंत्री गुलाम नबी आजाद गुरुवार को श्रीनगर आएंगे। वह पार्टी नेताओं के साथ बैठक कर कश्मीर के हालात पर चर्चा करेंगे।