पाटन के मर्रा में खुला कृषि कॉलेज, कृषि मंत्री चौबे बोले- 19 साल में पहली बार सरकारी कार्यक्रम में ठेठरी, खुरमी परोसते देखा, सरकार ने आधा बजट किसानों और गरीबों के लिए खर्च किया..

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17 अगस्त 2019, दुर्ग। ग्राम मर्रा में आज कृषि महाविद्यालय एवं अनुसंधान केंद्र का शुभारंभ हो रहा है। यह पाटन की जनता को समर्पित है। यह क्षेत्र में कृषि के विकास के लिए अहम भूमिका निभाएगा। यह बात कृषि मंत्री रविन्द्र चैबे ने ग्राम मर्रा में महाविद्यालय एवं कृषि मेले के शुभारंभ के अवसर पर कही। उन्होंने कहा कि खेती की तरक्की कैसे होगी जब हम आधुनिक पद्धति से खेती करेंगे। इसलिए ही मुख्यमंत्री भूपेश बघेल की मंशा के अनुरूप यह महाविद्यालय आरम्भ किया गया है। बजट में मुख्यमंत्री ने इसके लिए प्रावधान रखा और अपर मुख्य सचिव केडीपी राव एवं इंदिरा गांधी कृषि विश्वविद्यालय के कुलपति डॉ. एस. के. पाटिल ने इस पर तेजी से कार्रवाई सुनिश्चित कराई और आज महाविद्यालय का स्वप्न मूर्त रूप ले चुका है। मुख्यमंत्री ने इसके लिए जमीन उपलब्ध करा दी है। भविष्य में महाविद्यालय का तेजी से विस्तार होगा।

कृषि मंत्री ने कहा कि हमारी सरकार का आधा बजट किसानों और गरीबों पर व्यय किया गया है। कई लोगों को यह लगता था कि कर्जमाफी और 2500 रुपये मूल्य में धान खरीदी संभव नहीं है लेकिन किसानों के प्रति प्रतिबद्ध और दृढ़निश्चयी शासन ने इस पर त्वरित फैसला किया। कार्यभार ग्रहण करने के आधे घंटे के भीतर मुख्यमंत्री भूपेश बघेल ने पहले दस्तखत इसी पर किये। न केवल कर्जमाफी की, इस बार भी किसानों को ऋण प्रदान किया। इस बार पानी काफी कम बरसा है पर किसानों के प्रति चिंता को देखते हुए मुख्यमंत्री ने गंगरेल के गेट खोलने के निर्देश दिये। किसानों के हित में शासन की सर्वोच्च प्राथमिकता है। इसके लिए नकली खाद, नकली दवाई की दुकानों पर कड़ी कार्रवाई की गई। उन्होंने कहा कि मैंने 19 बरसों के अपने सार्वजनिक जीवन में पहली बार शासकीय कार्यक्रमों में ठेठरी, खुरमी परोसे जाते हुए देखे। पहली बार हरेली का शासकीय कार्यक्रम मनाया गया। मुख्यमंत्री खुद गेड़ी चढ़े, भौरा खेले। हरेली पर हम सबने अवकाश मनाया।

इस अवसर पर वन मंत्री एवं दुर्ग जिले के प्रभारी मंत्री मोहम्मद अकबर ने कहा कि आज मर्रा में कृषि महाविद्यालय आरम्भ हो रहा है। यह मुख्यमंत्री और कृषि मंत्री ने बड़ा तोहफा क्षेत्र की जनता को दिया है। पदभार संभालते ही केवल 2 घंटे के भीतर मुख्यमंत्री ने 14 हजार करोड़ रुपये की कर्जमाफी कर दी। 2500 रुपये प्रति क्विंटल की दर से 80 लाख मीट्रिक टन धान शासन ने खरीदा। यह बड़ी उपलब्धि है। जहां देश के दूसरे प्रांतों में बाजार में मंदी दिखी। छत्तीसगढ़ में बाजार में अच्छी बिक्री रही। ऑटोमोबाइल सेक्टर ने सबसे अच्छा प्रदर्शन छत्तीसगढ़ में किया। मुख्यमंत्री ने ऐसे फैसले किये जिससे सभी वर्गों को लाभ मिला। राशन कार्ड के लिए नियम शिथिल कर दिए गए और अब 65 लाख परिवार इसका लाभ उठा सकेंगे। बिजली बिल हाफ कर बिजली का बड़ा खर्च उपभोक्ताओं का बच गया। इस मौके पर महिला एवं बाल विकास मंत्री अनिला भेड़िया ने भी उपस्थिजनों को संबोधित किया। उन्होंने कहा कि मुख्यमंत्री के निर्णयों से राज्य में कृषि विकास का मार्ग तेजी से प्रशस्त हो रहा है। वे न केवल किसान को उपज के अच्छे मूल्य दिलाने की दिशा में कार्य कर रहे हैं अपितु कृषि महाविद्यालयों की स्थापना से रिसर्च वर्क को भी बढ़ावा दे रहे हैं। अंचल में आधुनिक खेती की दिशा में यह कदम मील का पत्थर साबित होंगे।

इस मौके पर इंदिरा गांधी कृषि विश्वविद्यालय के कुलपति डॉ. एस.के. पाटिल ने मर्रा स्थित महाविद्यालय की जानकारी दी। उन्होंने बताया कि यह प्रदेश का 24 वां महाविद्यालय एवं अनुसंधान केंद्र है। यहां इस बैच में 24 विद्यार्थियों के पढ़ने की सुविधा है। उन्होंने कहा कि कृषि की बेहतरीन पढ़ाई के साथ ही यह केंद्र रिसर्च के लिए भी बेहतरीन केंद्र होगा। इस मौके पर अतिथियों ने हितग्राहियों को जाति प्रमाण पत्र का वितरण, वर्मी बेड, बैटरी स्प्रेयर, आइस बॉक्स, मूंग बीज एवं विभिन्न सामग्री हितग्राहियों को प्रदान की। इस मौके पर डॉ. ओमप्रकाश परगनिहा की किताब का विमोचन भी किया गया। इस मौके पर अपर मुख्य सचिव एवं कृषि उत्पादन आयुक्त केडीपी राव, संभागायुक्त दिलीप वासनीकर, कलेक्टर अंकित आनंद, मुख्यमंत्री के संयुक्त सचिव टामन सिंह सोनवानी, एसपी प्रखर पांडेय सहित अन्य अधिकारी उपस्थित थे। कार्यक्रम में जिले के प्रमुख जनप्रतिनिधियों के साथ बड़ी संख्या में किसान भी मौजूद थे।

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