एम्स के एसोसिएट प्रोफेसर ने किया बड़ा खुलासा, हैपी हाईपोक्सिया के मरीजों में नहीं कर सकते COVID- 19 की पहचान…..

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रायपुर: छत्तीसगढ़ की राजधानी रायपुर में कोरोना संक्रामकों की संख्या में तेजी से इजाफा हो रहा है। औसत 500 से 800 मरीज प्रतिदिन मिल रहे हैं। यह चिंता का विषय बना हुआ है।एम्स रायपुर में एसोसिएट प्रोफेसर और शिशु रोग विभाग के डॉ. अतुल जिंदल के अनुसार हैपी हाईपोक्सिया वाले मरीजों को कोरोना के लक्षण कम महसूस होते हैं। गले में आक्सीजन की मात्रा को पहचानने वाले अंग को नुकसान पहुंचाने की वजह से मरीज को पता ही नहीं चलता और हृदय सहित शरीर के अन्य अंगों में दिक्कत आने से मौत हो जाती है।

जम जाते हैं खून के थक्के
जिंदल ने बताया की संक्रमण फेफड़े में आक्सीजन और कार्बन डाईआक्साईड उत्सर्जन क्रिया करने वाली जगह के आस-पास खून के थक्के जम जाते हैं। आसपास पानी भर जाता है इसकी वजह से निमोनिया हो जाता है जिससे शरीर की प्रतिरोधक क्षमता कम होती जाती है और फेफड़ों के बाद हृदय, गुर्दे, किडनी, दिमाग सहित शरीर के अन्य क्रियाशील अंगों को निष्क्रिय कर देता है, मरीज गंभीर अवस्था में पहुंच जाता है। वैसे उन्होंने यह भी स्पष्ट किया है कि अभी तक कोरोना से मृत लोगों में अधिकांश टीवी, कैंसर, उच्च रक्तचाप, मधुमेह समेत कई अन्य बीमारियां भी जिम्मेदार रही है। वैसे अभी तक 2 से 5 प्रतिशत मौत ही हैपी हाईपोक्सिया की वजह से हुई है।

यह रहा आंकड़ा
छत्तीसगढ़ में अप्रवासीय मजदूरों के आने के पहले कोरोना पर लगभग विजय मिल चुकी थी पर हाल के कुछ समय से कोरोना संक्रामक बेकाबू होता जा रहा है। अभी की स्थिति में 19781 संक्रमित कोरोना मरीज हैं तो 19608 स्वस्थ हो चुके हैं तो 334 लोगों की मौत हो चुकी है इसमें भी अधिकांश की मौत अन्य बीमारियों के चलते हुई है।

यह विभाग चपेट में
छत्तीसगढ़ में तो मुख्यमंत्री सचिवालय, निवास, राजभवन, विधानसभा सचिवालय, विधानसभा अध्यक्ष निवास, नया रायपुर स्थित इंद्रावती भवन तक कोरोना संक्रमण पहुंच चुका है।तो छग सरकार के कुछ मंत्री, कुछ विधायक सचिवालय के कुछ अफसर, कर्मचारी कुछ कलेक्टर, कुछ एसपी तथा अन्य पुलिस के अफसर भी कोरोना संक्रमित हो चुके हैं। कुछ थानों, पुलिस अधीक्षक कार्यालयों को भी कोरोना संक्रमित मिलने के कारण बंद भी किया जा चुका है।