‘एक देश एक चुनाव’ पर मोदी की अध्यक्षता में सर्वदलीय बैठक शुरु, कांग्रेस, सपा-बसपा, TMC समेत कई बड़ी पार्टियां नहीं हुई शामिल..

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19 जून 2019, नई दिल्ली। संसद भवन में प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने बुधवार को ‘एक देश, एक चुनाव’ पर चर्चा के लिए सभी राजनीतिक दलों के अध्यक्षों की बैठक बुलाई। मोदी की अध्यक्षता में हो रही इस बैठक में कांग्रेस, टीएमसी, सपा, टीडीपी, डीएमके और बसपा शामिल नहीं हो रही है। केजरीवाल और केसीआर राव भी बैठक में नहीं आए हैं, हालांकि इन दोनों पार्टी के प्रतिनिधि बैठक में हैं।

लेफ्ट, एनसीपी, एनसी, पीडीपी बैठक में शामिल

बैठक में टीएमसी चीफ ममता बनर्जी, बसपा प्रमुख मायावती, सपा प्रमुख अखिलेश यादव, टीडीपी के चंद्रशेखर राव और कांग्रेस अध्यक्ष राहुल गांधी शामिल नहीं है। हालांकि विपक्ष के कई दल बैठक में शामिल हैं। एनडीए के दलों के अलावा नेशनल कॉन्फ्रेंस के फारूक अब्दुल्ला, बीजद के नवीन पटनायक, पीडीपी की महबूबा मुफ्ती, सीपीआई के सीताराम येचुरी और वायएसआर के जगन मोहन रेड्डी बैठक में मौजूद हैं। आप संयोजक अरविंद केजरीवाल और टीआरएस मुखिया चंद्रशेखर राव ने खुद ना आकर पार्टी के दूसरे नेताओं को बैठक में भेजा है।

वायएसआर कांग्रेस, बीजद का एक देश एक चुनाव को समर्थन

देश में विधानसभा और लोकसभा चुनाव एक साथ कराए जाने को आंध्र प्रदेश के मुख्यमंत्री और वायएसआर कांग्रेस प्रमुख जगन मोहन रेड्डी और बीजद प्रमुख नवीन पटनायक का समर्थन मिला है। वहीं जदयू ने भी इसका पक्ष लिया है। वहीं कई नेताओं ने इसे खारिज कर दिया है। बसपा प्रमुख मायावती ने कहा कि ईवीएम को लेकर बैठक बुलाई जाती तो वे उसमें शामिल होतीं, ये कोई मामला नहीं है। वहीं लेफ्ट की ओर से कहा गया है कि हम एक देश, एक चुनाव के मुद्दे का विरोध करेंगे।

ममता और अखिलेश ने कही ये बात

ममता बनर्जी ने संसदीय कार्यमंत्री प्रहलाद जोशी को पत्र लिखकर केंद्र सरकार से ‘एक राष्ट्र, एक चुनाव’ मुद्दे पर जल्दबाजी न करने और श्वेत-पत्र तैयार करने की बात कही है ताकि सभी प्रमुख नेता श्वेत पत्र पर अपने विचार व्यक्त कर सकें। इसके लिए सभी को पर्याप्त समय भी देना चाहिए।

समाजवादी पार्टी के अध्यक्ष अखिलेश यादव ने नरेंद्र मोदी की ओर से वन नेशन-वन इलेक्शन के मुद्दे पर बुलाई बैठक पर कहा है कि बीजेपी को उन वादों पर ध्यान देना चाहिए जो उन्होंने जनता से किया है। कुछ पार्टियां हैं जो वन नेशन-वन इलेक्शन के मुद्दे पर कभी राजी नहीं होंगी।

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