बड़े लोगों से मिलने में हमेशा फासला रखना… जहां दरिया समुंदर से मिला, दरिया नहीं रहता..

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छत्तीसगढ़ में आयकर विभाग की बड़ी कार्यवाही से राजनीतिक गलियारों में हड़कंप मच गया है। छापे की कार्यवाई के दायरे में आये कुछ राजनीति से जुड़े हैं तो कुछ सरकारी मुलाजिम है या सरकार के प्रमुख अंग रह चुके हैं। वहीं होटल, शराब व्यापारी या डाक्टर राजनीतिक प्रभावशाली लोगों के करीबी हैं तो चार्टड एकाउंटेंट इन लोगों से जुड़े हुए हैं। ज्ञात रहे कि हाल ही में केंद्र की आयकर (और ईडी यानि प्रवर्तन निदेशालय?) की टीम ने नव निर्वाचित रायपुर के महापौर एजाज ढेबर, पूर्व मुख्य सचिव एवं रेरा के अध्यक्ष विवेक ढांड, आईएएस अनिल टुटेजा मुख्यमंत्री सचिवालय में पदस्थ सौम्या चौरसिया, आबकारी विभाग के ओएसडी त्रिपाठी शराब व्यवसायी पप्पू भाटिया, सुरजीत सिंह भाटिया (बिलासपुर) होटल तथा केवल व्यवसायी गुरुचरण सिंह होरा, डॉ. फरिश्ता, चार्टड एकाउंटेंट कमलेश जैन, संजय संचेती तथा कुछ अन्य लोग शामिल हैं। जब केंद्रीय आयकर विभाग की टीम मुख्यमंत्री सचिवालय तक पहुंच गई तब केंद्र सरकार के आयकर विभाग की टीम की कार्यप्रणाली को लेकर छत्तीसगढ़ मंत्रिमंडल को प्रदेश की संवैधानिक मुखिया राज्यपाल तक अपनी गुहार लगानी पड़ी। हालांकि इसका कुछ राजनीतिक लाभ मिलने की संभावना दिख नहीं रही है।
छत्तीसगढ़ के विवेक ढांड पहले पूर्व मुख्यसचिव है जिनके घर केंद्रीय आयकर विभाग की टीम ने छापा मारा है। छग बनने के बाद स्व. रत्नेश सालोमन के जरिये पहले मुख्यमंत्री अजीत जोगी को साधने वाले विवेक ढांड ने प्रदेश में सत्ता परिवर्तन होने के बाद डॉ. रमन सिंह को भी साध लिया था। हालात तो यह रहे कि वे प्रदेश के प्रशासनिक मुखिया यानि मुख्य सचिव बनकर लंबे समय तक इस पद में बने रहने का रिकार्ड (लगभग 4 साल) बनाकर बाद में रेरा के चेयरमेन बन गये। कहा जाता है कि डॉ. रमन सरकार की शराब नीति बदलने यानि ठेकेदारों की जगह सरकार द्वारा शराब बेचने की योजना को फलीभूत करने में इनकी प्रमुख भूमिका रही है ये शराब बेचने की समिति के अध्यक्ष भी रह चुके हैं। कभी विद्याचरण के करीबी रहे शराब व्यवसायी पप्पू भाटिया को रमन सरकार के करीबी करने में भी विवेक ढांड सहित एक मीडिया कर्मी की विशेष भूमिका रही है। खैर विवेक ढांड के मुख्य सचिव रहते शराब सरकार द्वारा बेचने के दौरान पप्पू भाटिया की शराब फेक्ट्री की ब्रांडों की सरकारी दुकानों में बिक्री परवान चढ़ी यह किसी से छिपा नहीं है। 2017 में पप्पू भाटिया के घर केंद्रीय आयकर विभाग की टीम ने छापा मारा था पर अभी तक कार्यवाही का खुलासा नहीं हो सका है। बहरहाल हाल ही में 1000 करोड़ के दिव्यांग घोटाले में भी विवेक ढांड का नाम आया था पर सुप्रीम कोर्ट से स्थगन के बाद फिलहाल सीबीआई जांच रूकी हुई है। एक आईएएस अनिल टुटेजा तथा उनकी पत्नी ब्यूटीशियन संस्थान की संचालक मीनाक्षी टुटेजा के ठिकानों पर भी आयकर की टीम ने छापा मारा है। नान घोटाला में नाम आने के बाद अनिल टुटेजा को रमन सरकार ने बिना कामकाज के मंत्रालय में अटैच कर रखा था। उन्हें हाल ही में अदालत के स्थगन के बाद नियुक्ति दी गई है। सूत्र कहते हैं कि उनकी मांग पर भूपेश सरकार ने नान घोटाला मामले में एसआईटी का गठन किया है। अनिल टुटेजा की नान घोटाले में नाम आने के बाद भी उद्योग विभाग में पदस्थापना के पीछे भी विवेक ढांड की भूमिका हो सकती है। यहां यह बताना भी जरूरी है कि वर्तमान मुख्यमंत्री भूपेश बघेल जब साईंस कालेज में पढ़ते थे तब विवेक ढांड उनसे सीनियर थे बाद में एडहॉक के रूप में उन्होंने भूपेश को पढ़ाया भी है। भूपेश की सरकार बनने के बाद एक तरह से अघोषित सलाहकार के रूप में विवेक ढांड का नाम उभरा है। सूत्र तो कहते हैं कि रमन सरकार के काफी चहेते तथा मुकेश गुप्ता के प्रिय पात्र रहे एडीजी जीपी सिंह की भी भूपेश सरकार की निकटता के पीछे भी इसी लाबी की सक्रियता मानी जा रही है। पप्पू भाटिया से जीपी सिंह की निकटता किसी से छिपी नहीं है।
इधर रायपुर विकास प्राधिकरण में सब इंजीनियर के रूप में अपना कैरियर शुरू करने वाले गुरुचरण सिंह होरा 2013 के आसपास नौकरी छोड़कर जमीन, मकान, होटल तथा केबल व्यापार में उतकर बड़ी तरक्की की है। इनके मौसेरे भाई गुरुमुख सिंह होरा हैं जो कांग्रेस के बड़े नेता है। आईएएस अनिल टुटेजा से इनकी दोस्ती स्कूल – कालेज के समय शतरंज सीखने खेलने से रही है। सिटी न्यूज चैनल के मालिक, होटल व्यवसायी के रूप में वे प्रतिष्ठित हो चुके हैं, हालांकि इन पर हत्या का भी मामला चल चुका है। यूनियन क्लब के बरसों से महासचिव तथा कुछ खेल संघों से ये जुड़े हैं वहीं हाल ही में यूनियन क्लब के अध्यक्ष बने डॉ. फरिश्ता भी छापे की जद में आ चुके हैं।
छत्तीसगढ़ में कभी अजीत जोगी के बेहद करीबी तथा बाद में उनसे अलग होकर हाल ही में राजधानी रायपुर के महापौर बने एजाज ढेबर तथा उनके भाई अनवर ढेबर के ढेबर स्टील, ढेबर सिटी (रियल स्टेट) वेलिंगटन होटल सहित कुछ रेस्टोरेंट में भी केंद्रीय आयकर विभाग की टीम ने छापा मारा है। हाल ही में उन्हें मुख्यमंत्री भूपेश बघेल की पसंद पर महापौर बनाया गया है। ढेबर परिवार को कांग्रेस का आर्थिक मददगार माना जाता है। वैसे एजाज ढेबर भी कांग्रेस के कुछ नेताओं को आर्थिक मदद की बात सार्वजनिक रूप से भी कहने में पीछे नहीं रहते हैं। मुख्यमंत्री भूपेश बघेल की कार्यालय में पदस्थ अपर सचिव सौम्या चौरसिया के भिलाई स्थित निवास पर भी केंद्रीय आयकर की टीम ने धावा मारा है वैसे भी सौम्या की गिनती एक दबंग अफसर के रूप में की जाती है। सत्ता के गलियारे में उनकी स्थिति पूर्ववर्ती सरकार के अमन सिंह के रूप में की जा रही है। हाल ही में कुछ जमीन खरीदी के मामले में खबरे में भी वायरल हुई थी वहीं मुख्यमंत्री के ओएसडी अरूण मरकाम भी जांच के दायरे में है। अरूणपति त्रिपाठी है तो टेलीफोन विभाग से संबंधित हैं पर प्रतिनियुक्ति में उन्हें राज्य सरकार ने आबकारी विभाग का ओएसडी बनाया है उनके भिलाई स्थित आवास पर भी आयकर विभाग की टीम ने छापा मारा है। इसी तरह बिलासपुर के शराब व्यवसायी सुरजीत सिंह भाटिया भी आयकर अधिकारियों जांच का सामना कर रहे हैं।दो सीए भी जाँच के दायरे में हैँ.

आखिर ये हो क्या रहा है…

कभी चाऊंर वाले बाबा बाद में दारूवाले बाबा के नाम से चर्चित 15 सालों तक एकछत्र राज चलाने वाले डॉ. रमन सिंह को अच्छा आदमी, गलत लोगों से घिरे होने की बात उनके कार्यकाल में भी उठती रहती थी, सरकार गई तो गई अब बदनामी के छीटे उन पर भी पड़ रहे हैं। उनके करीबी तथा तब की सरकार के आंख, नाक तथा कान समझे जाने वाले सुपर सीएम के नाम से चर्चित पूर्व प्रमुख सचिव अमन सिंह और उनकी पत्नी यास्मिन सिंह के खिलाफ आय से अधिक संपत्ति के मामले में ईओडब्लु ने आरटीआई कार्यकर्ता उचित शर्मा की शिकायत पर प्रकरण दर्ज कर लिया है। अमन सिंह 2010 तक बतौर आईआरएस प्रतिनियुक्ति पर छग में पदस्थ रहे बाद में प्रतिनियुक्ति नहीं बढऩे पर इस्तीफा देकर 2018 तक संविदा नियुक्ति पर रहे वहीं उनकी पत्नी यास्मीन सिंह 2005 से दिसंबर 2010 तक पीएचई और ग्रामीण विकास विभाग में संविदा के पद पर रही, दोनों के खिलाफ पद का दुरुपयोग कर भ्रष्टाचार करने, आय से अधिक संपत्ति अर्जित करने का मामला पंजीबद्ध किया गया है। रमन सिंह के समय इंटेलीजेंस प्रमुख रहे मुकेश गुप्ता डीजी बनने के बाद निलंबित है उन पर फोन टेप करने का भी गंभीर आरोप लग रहा है। निजी सचिव ओम प्रकाश गुप्ता बलात्कार के मामले में जेल में बंद है। रमन सिंह के समय सर्वाधिक 4 साल तक प्रमुख सचिव रहे विवेक ढांड केंद्रीय आयकर विभाग के छापे की जद में है, ओलंपिक संघ में साथ पदाधिकारी रहे पप्पू भाटिया तथा नान में पदस्थ रहे अनिल टुटेजा के संस्थानों में आयकर ने दबिश दी है। वैसे ऐसानहीं है कि डॉ. रमन सिंह के आसपास रहे सभी लोग दागी थे। एक और ओएसडी थे विक्रम सिंह सिसोदिया वे एक समय काफी पावरफूल भी रहे पर उनका कामकाज काफी साफ सुथरा रहा तभी तो वे आज भी शहर सहित छत्तीसगढ़ में कहीं भी दिख जाते हैं जबकि अमनसिंह तो सरकार बदलने के बाद छग से ही गायब हो गये हैं।

और अब बस…

पहले राज्य सरकार पर बदलापुर का आरोप लगता था अब केंद्र सरकार पर भी यह आरोप लगाया जाय तो आश्चर्य नहीं है।
केंद्र के आयकर विभाग की करीब 200 अफसरों की टीम रायपुर आई, केंद्रीय सुरक्षा बल भी हासिल कर लिया और राज्य पुलिस की गुप्तचर शाखा को भनक भी नहीं लगी..।
केंद्रीय आयकर विभाग की छापामार टीम की 19 टैक्सियों को पुलिस ने नो पार्किंग के तहत जब्त कर चालान काटकर छोड़ा गया। इसकी भी जमकर चर्चा है।
भूपेश सरकार को बड़ा झटका… बिलासपुर हाईकोर्ट ने राज्य सरकार के 82 प्रतिशत आरक्षण को समाप्त कर 58 प्रतिशत आरक्षण को ही यथावत रखा है।
छग से राज्यसभा में क्या इस बार कोई पत्रकार पहुंचेगा…। ज्ञात रहे कि स्व. गोविंदलाल वोरा का नाम कई बार राज्यसभा के लिये उछला था पर उन्हें कभी मौका नहीं मिला।