एम्बुलेंस 108 फिर बनी संजीवनी, ईएमटी की सूझबूझ से नवजात शिशु को मिली नई जिंदगी

0
84

बेमेतरा। जिले के मालदा गांव के विनोद कुमार निषाद और उनकी पत्नी गंगा बाई के जिंदगी और मौत से जूझ रहे नवजात शिशु को जैश – 108 संजीवनी एक्सप्रेस के ईएमटी नरेंद्र कुमार की सूझबूझ से एक नई जिंदगी मिली।

मिली जानकारी के अनुसार प्रसव पीड़ा उठने पर मितानिन की मदद से गंगा बाई को नांदघाट स्थित प्राथमिक स्वास्थ्य केंद्र  में भर्ती कराया गया, जहां गंगा बाई ने शिशु को जन्म दिया. नवजात बच्चे के कम वजन और साँस ले पाने में असमर्थता को देखते हुए तुरंत ही शिशु को मेकाहारा हॉस्पिटल शिफ्ट करने की प्लानिंग शुरू हो गयी।

इस दौरान नवजात शिशु के कम वजन और  किसी प्रकार की कोई मूवमेंट नहीं करने पर परिजनों ने बच्चे को मृत मानकर वापस घर ले जाने की बात करने लगे। संजीवनी – 108  के  ईएमटी नरेंद्र कुमार ने अपनी सूझबूझ और तत्परता का परिचय देते हुए रायपुर ले जाते वक़्त एम्बुलेंस में श्वास नाली की साफ़ कर ऑक्सीज़न दिया, इसके साथ ही जीवन लक्षण की जाँच करने पर पता चला एपागार स्कोर 04 था, जिसे देखते हुए ईएमटी नरेंद्र ने ईआरसीपी डॉ. मनीष से सलाह लेकर जीवन रक्षक दवा दी।

कुछ ही सेकण्ड्स में नवजात बच्चे ने मूवमेंट करते हुए रोना शुरू कर दिया। उम्मीद खो चुके दम्पति के लिए जैश 108 संजीवनी एक्सप्रेस के ईएमटी नरेंद्र कुमार एक उम्मीद की किरण बनकर आए। बच्चे को रोता देख नवजात के माता – पिता के आँखों से भी खुशियों के आंसू छलकने लगे। अपने बच्चे को नई जिंदगी देने के लिए परिजनों ने ईएमटी नरेंद्र कुमार और पायलट राजेंद्र कुमार का शुक्रिया अदा किया।