कोरोना की जंग में जिंदगी हार गए बाबा महाकाल के पुजारी, महाकाल नगरी में छाया शोक, ऐसे किया गया अंतिम संस्कार…..

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उज्जैन। कोरोना वायरस ने न केवल भारत में बल्कि पूरी दुनिया में हाहाकार मचा के रखा है। इस समय बाबा महाकाल की नगरी उज्जैन में भी कोरोना संक्रमितों का आंकड़ा रोजाना रिकॉर्ड तोड़ रहा है। शहर के हर हिस्से से कोरोना संक्रमित मिल रहे हैं। इस बीच कोरोना के संक्रमण से शुक्रवार को महाकाल मंदिर के पुजारी चंद्र मोहन का निधन हो गया। इसके अलावा अभी मंदिर के दो और पुजारी भी अस्पताल में कोरोना से जिंदगी और मौत के बीच जंग लड़ रहे हैं। चंद्र मोहन मार्च में कोरोना वायरस से संक्रमित हुए थे जिसके बाद उन्हें इंदौर के अस्पताल में भर्ती कराया गया था। पुजारी चंद्र मोहन महाकाल मंदिर में पिछले कई वर्षों से बाबा महाकाल की सेवा में थे।

बाबा महाकाल के मंदिर में कोरोना वायसर ने किया प्रवेश

बढ़ते संक्रमण को देखते हुए महाकाल मंदिर कड़ी सुरक्षा वयवस्था की गई है। इसके बावजूद मंदिर के तीन पुजारी और चार कर्मचारी कोरोना संक्रमित हो गए। जिसके बाद पिछले महीने संक्रमित हुए पुजारी चंद्र मोहन को इंदौर के निजी अस्पताल में भर्ती कराया गया था, लेकिन जहां शुक्रवार को उनकी मौत हो गई। चंद्रमोहन काका की मौत के बाद सभी पंडे-पुजारी और महाकाल मंदिर के कर्मचारी शोक में डूब गए। मंदिर में 2 मिनट का मौन रखकर श्रद्धांजलि अर्पित की गई।

बड़ी लापरवाही, कोरोना से मौत के बाद उज्जैन आया शव

पुजारी की मौत के बाद प्रशासन की बड़ी लापरवाही सामने आई। जहां पुजारी का शव उज्जैन ला कर उनका अंतिम संस्कार किया गया। जबकि कोरोना गाइडलाइन के मुताबिक कोरोना से मौत के बाद शव को परिवार को न सौप कर शव का अंतिम संस्कार निगम कर्मी और स्वास्थकर्मी करेंगे। साथ ही जिस शहर में संक्रमित मरीज की मौत हुई है, वहीं उसका अंतिम संस्कार कोरोना प्रोटोकॉल के तहत किया जाएगा। लेकिन महाकाल मंदिर के पुजारी चंद्र मोहन की मौत के मामले में कोरोना प्रोटोकॉल की धज्जियां उड़ी। सूत्रों के मुताबिक पुजारी की मौत इंदौर में होने के बाद भी शव को उज्जैन ले आया गया। जहां कोरोना मरीजों के शवों के लिए सुरक्षित किए घाट पर अंतिम संस्कार न कर चक्रतीर्थ पर अंतिम संस्कार कर दिया। हालांकि शव को परिजनों को न सौपकर निगमकर्मियों ने ही अंतिम संस्कार किया।