29 जून, 2019 रायपुर। भूपेश मंत्रिमंडल के विस्तार के बाद साहू समाज ने अपेक्षित होने का आरोप लगाया है। समाज के पदाधिकारियों ने कहा कि एक बार फिर राजनीति तौर पर ताकतवर माने जाने वाले बहुसंख्यक 22 % आबादी वाला साहू समाज उपेक्षित का शिकार हुआ है। मंत्रिमंडल गठन में दरकिनार किए जाने से छत्तीसगढ़ साहू समाज विभिन्न स्तर पर मुख्यमंत्री, प्रदेश नेतृत्व एवं कांग्रेस हाईकमान से मिलकर छत्तीसगढ़ साहू समाज अपनी भावना से अवगत कराते हुए सर्वमानन्य नेता के रुप में माने जाने वाले 5 बार के अभनपुर के विधायक प्रदेश कांग्रेस कमेटी के पूर्व अध्यक्ष रहे पूर्व मंत्री धनेन्द्र साहू के लिए जमकर लाबिंग की थी।
कांग्रेस नेतृत्व द्वारा समाज को आश्वस्त भी किया गया था फिर भी मंत्रिमंडल विस्तार में एक बार फिर निराशा हाथ लगी बचे मंत्री का एक पद सहित प्रदेश कांग्रेस अध्यक्ष का पद आदिवासी वर्ग को दे दिया गया है जिससे साहू समाज भारी आक्रोशित है। छत्तीसगढ़ प्रदेश साहू संघ युवा प्रकोष्ठ के कार्यकारी अध्यक्ष ऋषि साहू और उपाध्यक्ष योगेश साहू ने विज्ञप्ति में बताया गया कि 11% अनुसूचित जाति से दो मंत्री, 31% आबादी वाला आदिवासी समाज से प्रदेश अध्यक्ष सहित चार मंत्री, 8% आबादी वाला सामान्य वर्ग से तीन मंत्री, 1.7% मुस्लिम समाज से एक मंत्री लेकिन 22% बहुसंख्यक वर्ग से ताल्लुक़ रखने वाला राजनीतिक तौर पर ताकतवर साहू समाज में योग्य एवं अनुभवी के बाद भी मात्र एक मंत्री जबकि अन्य वर्ग से आने वाले समाज से कम अनुभव रखने वाले को बहुत ज्यादा महत्व दिया गया है। जबकि सीधे, सौम्य स्वभाव, किसान और मजदूरों के हित के लिए लगातार लड़ाई लड़ने वाले संसदीय ज्ञान व लोगों के बीच में सामाजिक व्यवस्था राजनीतिक व्यवस्था इत्यादि चीजों में छत्तीसगढ़ के अभनपुर विधायक धनेंद्र साहू सबसे आगे है।
छत्तीसगढ़ प्रदेश में विधानसभा सदन में जनहित को लेकर के सबसे ज्यादा मुखर रहने वाले धनेंद्र साहू ही है 35 सालों की लंबी राजनीति जीवन में राजनीति तौर पर तमाम उतार चढ़ाव आने के बावजूद भी कांग्रेस से जुड़े हुए हैं। पूर्व में किए उनके द्वारा जनहित को लेकर के काम समाज और पार्टी के प्रति निष्ठा ही बहुत कुछ साबित करता है आज छत्तीसगढ़ का पूरा साहू समाज छत्तीसगढ़ का स्वाभिमान धनेंद्र साहू के ऊपर टिका हुआ है। ऐसे में एक ही साहू समाज के व्यक्ति को मंत्री बनाकर झुनझुना पकड़ा दिया गया है। जबकि पूरे प्रदेश में धनेंद्र साहू किसान एवं मज़दूर नेता के रुप में लोकप्रिय है और समाज एवं किसान, मजदूर उनको मंत्री या प्रदेश अध्यक्ष के पद पर देखना चाह रहे थे लेकिन इस बार भी समाज की उपेक्षा हुई जिस्से समाज में भारी आक्रोश है।