बंगाल की मुख्यमंत्री ममता बनर्जी की नजर अब छत्तीसगढ़ पर भी, बनाएंगी संगठन, उतारेंगी प्रत्याशी, जानिए अमित जोगी ने क्या कहा…

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रायपुर, 25 नवम्बर 2021। बंगाल की मुख्यमंत्री ममता बनर्जी की नजर अब छत्तीसगढ़ पर भी है। वे यहां नेताओं को TMC में लाने और संगठन बनाने के प्लान में लगी हुई हैं।

पिछले 3 माह से पूरे देश में अपनी ताकत बढ़ाने में लगी तृणमूल कांग्रेस की सुप्रीमो और बंगाल की मुख्यमंत्री ममता बनर्जी की नजर अब छत्तीसगढ़ पर भी है। 2024 के लोकसभा चुनाव से पहले ममता खुद को तीसरे मोर्चे की ताकतवर नेता प्रोजेक्ट करने की कोशिश में हैं। वे बंगाल से बाहर के प्रदेशों, वहां के नेताओं को TMC में लाने और संगठन बनाने के प्लान में लगी हुई हैं।

एक दिन पहले ही मेघालय में पूर्व मुख्यमंत्री सहित 12 विधायकों को TMC में लाकर धमाका कर चुकी हैं। अब ममता के प्रमुख सलाहकार प्रशांत किशोर की टीम छत्तीसगढ़ में भी सक्रिय है। यह टीम छत्तीसगढ़ में कांग्रेस-भाजपा और क्षेत्रीय पार्टी के नेताओं की पड़ताल कर रही है। इसके साथ ही प्रदेश के सियासी हालात पर TMC के राजनीतिक सलाहकार पैनी नजर रखे हुए हैं।

राजनीतिक रणनीति बनाने में माहिर प्रशांत किशोर इस समय TMC के लिए पूरे देश में ग्रोथ प्लान बना रहे हैं। उनकी टीम के कुछ सदस्य लगातार छत्तीसगढ़ दौरे पर हैं। प्रशांत किशोर खुद भी यहां के कांग्रेस-भाजपा और दूसरी क्षेत्रीय पार्टिंयों के कुछ नेताओं के संपर्क में हैं।

अमित जोगी की हुई ममता से बात

JCCJ के प्रमुख अमित जोगी स्वीकार करते हैं कि दिल्ली में उनकी प्रशांत किशोर से मुलाकात हुई थी। उनकी ममता बनर्जी से भी लगातार बात होती है। अमित के मुताबिक इस समय देश में प्रधानमंत्री पद की सबसे सशक्त दावेदार ममता बनर्जी ही हैं। जिस तरह देश के दूसरे राज्यों में TMC को नेता, जनता स्वीकार कर रहे हैं, उससे आश्चर्य नहीं कि 2024 के आम चुनाव से पहले ममता बनर्जी थर्ड फ्रंट की नेता घोषित हो जाएं।

JCCJ और TMC के बीच छत्तीसगढ़ में किसी तरह के गठबंधन पर अमित जोगी का कहना है कि विधानसभा चुनाव से पहले इस संबंध में विचार किया जाएगा। छत्तीसगढ़ में जोगी कांग्रेस के कमिटेड वोट हैं। ऐसे में किसी नेशनल पार्टी से गठबंधन होने से लाभ मिलेगा या नहीं इसका एनालिसिस कर निर्णय लेंगे।

छत्तीसगढ़ में अभी तक सफल नहीं हुए बाहरी दल

यह पहली बार नहीं है कि दूसरे राज्य में स्थापित दलों ने छत्तीसगढ़ में अपनी पैठ बनानी चाही है। इससे पहले भी विधानसभा चुनाव में महाराष्ट्र की NCP, दिल्ली की AAP, उत्तर प्रदेश की बहुजन समाज पार्टी, समाजवादी पार्टी, बिहार की जनता दल यूनाइटेड, राजद, लोक जनशक्ति पार्टी, बंगाल के वामदल जैसे कई दलों ने अपने कैंडिडेट उतारे हैं, लेकिन किसी को भी लगातार सफलता नहीं मिली।

जातिगत समीकरणों के चलते बहुजन समाज पार्टी अधिकतम 2 सीट ही जीत सकी। इस बार तो उसे एक भी सीट नहीं मिली। इसी तरह NCP ने एक सीट और CPI ने एक सीट जीती थी, लेकिन 2018 के चुनाव में किसी भी बाहरी दल को कोई सीट नहीं मिली।

2023 के विधानसभा चुनाव में TMC के उम्मीदवार होंगे यहां तय

छत्तीसगढ़ पहुंच रहे TMC से जुड़े लोगों ने साफ तौर पर संकेत दिया है कि पार्टी प्रदेश के अगले विधानसभा चुनाव में अपने कैंडिडेट उतारेगी। इसके लिए 2022 से ही संगठन की तैयारी की जाएगी। छत्तीसगढ़ में बड़ी तादाद में ऐसे लोग हैं, जिनका कोलकाता से संपर्क है। इसमें विशेषकर रेलवे से जुड़े नेता हैं, जो कम्युनिस्ट पार्टी से जुड़े रहे हैं और मुख्यालय गार्डनरीच में होने के कारण उनका बंगाल लगातार आना-जाना है।

प्रदेश के कुछ बड़े व्यापारियों के बंगाल के कारोबारियों से भी गहरे संबंध हैं और उनका साझा व्यवसाय भी है। प्रशांत किशोर की टीम इसका एनालिसिस कर छत्तीसगढ़ में TMC की नींव रखने की तैयारी में है।

हाल ही में इन दिग्गजों को TMC में शामिल कर दीदी ने चौंकाया
कुछ माह में ही गोवा के पूर्व मुख्यमंत्री लुइजिन्हों फलेरियो, असम की पूर्व सांसद सुष्मिता देव, यूपी में कांग्रेस के बड़े नेता ललितेश पति त्रिपाठी, त्रिपुरा में भाजपा के विधायक आशीष दास को TMC में शामिल कराया गया। इसके बाद इसी माह ममता ने दिल्ली में JDU के पूर्व सांसद पवन वर्मा, कांग्रेस के हरियाणा अध्यक्ष और सांसद रह चुके अशोक तंवर, किर्ती आजाद उनकी पत्नी पूनम आजाद को पार्टी में शामिल कर लिया।

भारतीय जनता पार्टी की केंद्र सरकार में ताकतवर मंत्री रहे यशवंत सिन्हा भी अब ममता की पार्टी में हैं। कांग्रेस के दिग्गज नेता, पूर्व राष्ट्रपति प्रणव मुखर्जी के बेटे अभिजीत भी TMC में शामिल हो गए। इतना ही नहीं ममता के संपर्क में भाजपा के फायर ब्रांड नेता सुब्रह्मण्यम स्वामी, मशहूर लेखक जावेद अख्तर, अटल बिहारी वाजपेयी, लालकृष्ण आडवाणी के सलाहकार रहे सुधीन्द्र कुलकर्णी जैसे कई दिग्गज हैं।