वन अधिकार को लेकर भूपेश सरकार का बड़ा फैसला, नए सिरे से बनाई जाएगी कमेटी, निरस्त हुए पट्टे पर फिर से विचार का निर्णय, संभाग मुख्यालयों में वर्कशॉप भी होंगे..

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रायपुर 22 मई, 2019 मुख्यमंत्री भूपेश बघेल अपने चुनावी वादे को साकार करने में कदम बढ़ाया है। वन अधिकार अधिनियम के प्रभावी क्रियान्वयन को लिए आज सीएम हाउस में उन्होंने समीक्षा बैठक की है। सीएम भूपेश ने कहा है कि प्रदेश में वन अधिकार अधिनियम के प्रभावी क्रियान्वयन सुनिश्चित किया जाए। उन्होंने आज यहां मुख्यमंत्री निवास पर आयोजित समीक्षा बैठक में इसके लिए सरगुजा, रायपुर और बस्तर में कार्यशाला आयोजित करने के निर्देश दिए।

इन तारीख को यहां होंगे वर्कशॉप

  • सरगुजा संभाग के मुख्यालय अम्बिकापुर में 28 मई को,
  • रायपुर में 29 मई को और
  • बस्तर संभाग के मुख्यालय जगदलपुर में 30 मई को

मुख्यमंत्री स्वयं, वन मंत्री, मुख्य सचिव तथा क्षेत्र के मंत्रीगण, विधायक, कलेक्टर, जिला पंचायत के मुख्य कार्यपालन अधिकारी, वन मंडलाधिकारी, वन और राजस्व विभाग के अनुविभागीय अधिकारी, जनपद पंचायत के मुख्य कार्यपालन अधिकारी, सहायक आयुक्त, आदिवासी विकास कार्यशाला में उपस्थित रहेंगे।

  • मुख्यमंत्री ने समीक्षा के दौरान कहा कि कार्यशाला में वन अधिकार अधिनियम के प्रावधानों की विस्तृत और स्पष्ट जानकारी दी जाए।
  • जिससे इस अधिनियम का क्रियान्वयन प्रभावी ढंग से हो सके। यह भी सुनिश्चित किया जाए कि अधिनियम के अनुसार सभी पात्र व्यक्तियों को वन अधिकार पट्टे दिए जाएं।
  • उन्होंने सामुदायिक वन अधिकार पट्टे देने के निर्देश भी बैठक में दिए।
  • सीएम भूपेश बघेल ने वन अधिकार अधिनियम के क्रियान्वयन के लिए ग्राम पंचायत, जनपद और जिला स्तर पर गठित समितियों का पुनर्गठन करने के निर्देश दिए।
  • उन्होंने कहा कि वन अधिकार पट्टे के लिए निरस्त किए गए आवेदनों पर फिर से विचार किया जाए।
  • सीएम भूपेश बघेल ने मानसून के पहले वन क्षेत्रों के गांवों में ग्राम वन समितियों के माध्यम से सब्जी और फलों के बीज वितरित करने के निर्देश दिए।
  • उन्होंने अचानकमार अभ्यारण्य और कांगेर वेली में फलदार वृक्षों की प्रजातियों के बीज का हवाई छिड़काव करने के निर्देश दिए।
  • उन्होंने कहा कि वनों में मानसून के पहले बीजों का छिड़काव किया जाए, जिससे आने वाले समय में बंदर, भालू, शूकर जैसे पशुओं के लिए जंगल में ही आसानी से भोजन उपलब्ध हो सके।
  • मुख्यमंत्री ने राजस्व सचिव को निर्देश दिए कि सीमांकन, नामांतरण, बंटवारा के प्रकरणों का निपटारा लोक सेवा गांरटी अधिनियम में निर्धारित की गई।
  • समय-सीमा में निराकरण तथा तहसीलदार, राजस्व निरीक्षक, पटवारी की मुख्यालय में उपस्थिति सुनिश्चित की जाए।

बैठक में मुख्य सचिव सुनील कुमार कुजूर, वन विभाग के अपर मुख्य सचिव सी.के.खेतान, मुख्यमंत्री के प्रमुख सचिव गौरव द्विवेदी, आदिम जाति विकास विभाग के सचिव डी.डी.सिंह, मुख्यमंत्री के संसदीय सलाहकार राजेश तिवारी, मुख्यमंत्री के ग्रामीण विकास के सलाहकार प्रदीप शर्मा तथा संबंधित अधिकारी उपस्थित थे। T�r~{

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