छत्तीसगढ़ पाठ्यपुस्तक निगम में बड़ा घोटाला, ब्लैक लिस्टेड प्रिंटर्स को बिना काम के कर दिया करोड़ों का भुगतान

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रायपुर। छत्तीसगढ़ पाठ्यपुस्तक निगम में बड़ा घोटाला सामने आया है। मिली जानकारी के अनुसार प्रिंटर्स को बिना काम कराए 8 करोड़ 20 लाख रुपये का भुगतान किया गया है। जब इस फर्जीवाड़े की भनक लगी, तो पाठ्यपुस्तक निगम में हड़कंप मच गया है। पाठ्यपुस्तक निगम के अध्यक्ष शैलेष नितिन त्रिवेदी ने संबंधित लोगों और प्रकाशन को नोटिस जारी कर जवाब मांगा।

नहीं है भुगतान का कोई दस्तावेज

शैलेष नितिन त्रिवेदी ने कहा कि करोड़ों रुपये के भगतान की जांच कराई गई। पता चला कि पाठ्यपुस्तक निगम के अधिकारियों के पास इस भुगतान का कोई दस्तावेज नहीं है। शैलेश ने कहा कि कैग की आपत्ति के बाद फर्म को लेटर जारी किया गया है। उनसे पूछा गया है कि ये भुगतान आपको क्यों किया गया है। इससे संबंधित दस्तावेज उपलब्ध कराएं।

8 करोड़ 20 लाख रुपये का हुआ घोटाला

शैलेश नितिन त्रिवेदी ने कहा कि पाट्यपुस्तक निगम के महाप्रबंधक अशोक चतुर्वेदी बड़े जानकार व्यक्ति हैं। वे इतने जानकार हैं, उनके कार्यकाल में इतना बड़ा घोटाला हो गया। यह समझ से परे है। 8 करोड़ 20 लाख रुपये की राशि कम नहीं है। ब्लैक लिस्टेड प्रिंटर्स को ये रकम कैसे भेज दी गई। इसका जवाब मांगा गया है।

राजाराम प्रिंटर्स पहले से ब्लैक लिस्टेड

मिली जानकारी के मुताबिक ये घोटाला 2020 में हुआ है। उस वक्त पाट्यपुस्तक निगम के महाप्रबंधक अशोक चतुर्वेदी थे। अशोक चतुर्वेदी के कार्यकाल में काला कारनामा हुआ है। हैरत की बात ये है कि जब राजाराम प्रिंटर्स पहले से ब्लैक लिस्टेड है, तो उसको बिना काम कराए रकम कैसे मिल गई।