ब्रेकिंग: करोड़ों के टेंडर घोटाले मामले में पाठ्य पुस्तक निगम के पूर्व MD चतुर्वेदी पर ईओडब्ल्यू ने दर्ज की FIR

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रायपुर। राज्य आर्थिक अपराध अन्वेषण ब्यूरो ने पाठय पुस्तक निगम के तत्कालिन महाप्रबंधक अशोक चतुर्वेदी पर करोड़ों के टेंडर घोटाले में एफआईआर दर्ज किया है। चतुर्वेदी पर पाठय पुस्तक निगम मे महाप्रबंधक रहते फर्जी दस्तावेजों के सहारे टेंडर देने और सरकार को करोडों रूपये नुकसान पहुंचाने का आरोप है।

जिसकी शिकायत ईओडब्ल्यू में की गई थी जिस पर रविवार देर रात ईओडब्ल्यू ने अपराध पंजीबद्ध किया गया है। ईओडब्ल्यू ने अशोक चतुर्वेदी के साथ आधा दर्जन अधिकारी और कर्मचारीयों पर आईपीसी की धारा 420, 467, 468 और 471 के अंतर्गत एफआईआर किया है।

फर्जी दस्तावेजों से लिया काम

पाठय पुस्तक निगम में टेंडर लेने फर्जी दस्तोवज बनाये गये थे। फर्जी दस्तावेजों के सहारे साढ़े छह करोड़ का काम होप इंटरप्राइजेज नामक कंपनी को काम दिया गया। इसमे चतुर्वेदी समेत अधिकारीयेा ने होप इंटरप्राइजेस को फायदा पहुचाने फर्जी बिजली बिल और अन्य दस्तावेज बनाये गये।

होप इंटरप्राइजेस नेता के रिश्तेदार की कंपनी

होप इंटरप्राइजेस दुर्ग के एक नेता के रिश्तेदार की कंपनी है। जिसके बैंक खाते से जिसमे लोकसभा चुनाव के दौरान करोड़ों रूपये ट्रांसफर किये गये थे।

  • पाठ्यपुस्तक निगम के पूर्व महाप्रबंधक अशोक चतुर्वेदी के खिलाफ आर्थिक अपराध अन्वेषण ब्यूरो ईओडब्ल्यू ने एफआईआर दर्ज की है।
  • टेंडर प्रक्रियाओं में जालसाली कर करोड़ों रुपये की अनियमितता के मामले में एफआईआर कराई गई है।
  • नवंबर 2019 में राज्य शासन ने पाठ्यपुस्तक निगम से चतुर्वेदी की प्रतिनियुक्ति खत्म करते हुए उनकी सेवाएं पंचायत एवं ग्रामीण विकास विभाग को लौटा दी थी।
  • इस निर्णय के खिलाफ उन्होंने हाईकोर्ट से स्टे ले लिया था। टेंडर में हुई अनियमितता की शिकायत के बीच जांच का जिम्मा एसीबी-ईओडब्ल्यू को सौंपा गया था।
  • एडीजी जीपी सिंह ने बताया कि होप इंटरप्राइजेस को अकेले को काम देने के लिए और लाभ पहुंचाने के लिए अशोक चतुर्वेदी और कमेटी के सभी सदस्यों ने कपटपूर्वक, जालसाजी से तैयार और झूठी निविदाओं पर फैसला लिया और होप इंटरप्राइजेस को करोड़ों रुपये का ठेका दिया गया।
  • उन्होंने बताया कि इस टेंडर में चार आवेदक बताए गए हैं, लेकिन जांच में साबित हुआ कि होप इंटरप्राइजेस को काम देने के लिए बाकी फर्मों के नाम से झूठी निविदाएं पेश की गईं।
  • गौरतलब है कि जनवरी-2020 में छत्तीसगढ़ पाठ्यपुस्तक निगम के महाप्रबंधक अशोक चतुर्वेदी ने राज्य सरकार को पत्र लिखकर न्याय और कुछ अफसरों के भय से निजात दिलाने की मांग की थी।
  • पत्र में एमडी चतुर्वेदी ने लिखा था कि उनके खिलाफ आर्थिक अपराध अन्वेषण ब्यूरो ने साल 2015 से 2019 तक मुद्रण कागज खरीदी, स्वेच्छानुदान, विविध मुद्रण और अन्य पर भ्रष्टाचार का प्राथमिक जांच शुरू की गई है।