कलेक्टर के हस्ताक्षर वाले 50-50 हजार के चेक से 8 पत्रकारों को रिश्वत! सरकार ने जांच के आदेश दिए..

0
140

राजकोट। गणतंत्र दिवस के राज्य स्तरीय समारोह की कवरेज के लिए राजकोट कलेक्टर कार्यालय द्वारा पत्रकारों को चेक से 50-50 हजार की रिश्वत देने के मामले में मुख्य सचिव अनिल मुकिम ने रविवार को जांच के आदेश दिए। वहीं, कलेक्टर रेम्या मोहन ने सफाई देने के लिए अचानक प्रेस कॉन्फ्रेंस बुलाई। कलेक्टर ने कहा कि हमने कुछ गलत नहीं किया। लेकिन नियमानुसार क्या-क्या किया, इसका कोई जवाब वे नहीं दे पाईं। वे पत्रकारों ने सवालों पर सिर्फ गोलमोल बातें ही करती रहीं।

दानदाता ने कहा- हमने पैसा पत्रकारों को बांटने के लिए नहीं दिया था

कलेक्टर ने कहा कि सरकारी रुपए है तो नियमानुसार ही भुगतान होता है लेकिन यह फंड जनभागीदारी का (लोगों द्वारा मिले रुपए) था इसलिए रुपए बाहर-ही बाहर दिए गए है। जबकि कलेक्टर कोई भी बिल या रिलीज ऑर्डर पेश नहीं कर सकीं। कलेक्टर ने दावा किया है कि गणतंत्र दिवस पर दान देने वाले विरल डेवलपर्स ने कहा था कि प्रचार और प्रसार के लिए सार्वजनिक समाचार दे। जबकि पत्रकार ने विरल डेवलपर्स के ललित भालोडिया को पूछने पर उन्होंने बताया कि हमने गणतंत्र दिवस मनाने के लिए कलेक्टर को 4 लाख रुपए दिए थे, लेकिन किसी पत्रकार को रुपए देने के लिए हमने नहीं कहा था। हम क्यों ऐसा कहें।

एडिशन कलेक्टर ने कहा- विज्ञापन न छापा हो तो भी चेक ले लीजिए

गुजरात के 8 अखबारों के पत्रकारों को दिए गए चेक पर कलेक्टर और रेसिडेंट एडिशनल कलेक्टर के हस्ताक्षर थे। पत्रकारों को बताया गया था कि गणतंत्र दिवस समारोह के अच्छे कवरेज के एवज में ये चेक दिए जा रहे हैं। लेकिन दिव्य भास्कर के पत्रकारों ने इसे मूल्यों के खिलाफ बताया था। सिर्फ सबूत जुटाने के लिए यह चेक लिया था। फिर शनिवार को भास्कर की टीम एडिशनल कलेक्टर परिमल पंड्या के दफ्तर पहुंची थी। सवाल कर जानना चाहा- ‘हमने विज्ञापन नहीं छापा है, तब भी हमारा चेक क्यों बना?’ इस पर एडिशनल कलेक्टर बोले- ‘हमने यह जांच नहीं की। 26 जनवरी का कार्यक्रम अच्छा रहा। विज्ञापन नहीं छापा हो तो भी आपसे लगाव है। इसलिए चेक स्वीकार कर लीजिए।’