भिलाई के टैक्सपेयर और उद्योगपति ध्यान दें.. CA पीयूष जैन समझा रहे ओवरऑल बजट.. आसान शब्दों में समझिए इस बजट के बाद पूरा टैक्सेशन..

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भिलाई नगर। वित्तमंत्री निर्मला सीतारमण ने आज मोदी सरकार की दूसरी पारी का पहला बजट पेश किया। बजट को लेकर देशभर में विभिन्न वर्गों की अपनी- अपनी उम्मीदें थी। जिनमें कुछ पूरी हुई और कुछ नहीं हो पाई। इस बजट को लेकर सब तरफ मिलीजुली प्रतिक्रियाएं आ रही हैं। वहीं भिलाई सीए ब्रांच के पूर्व अध्यक्ष सीए पियूष जैन ने बजट को लेकर अपनी प्रतिक्रिया दी। उन्होंने बताया कि बजट में मध्यमवर्गीय करदाता, छोटे एवं मझोले व्यापारियों और वेतनभोगी करदाताओं के लिए कुछ भी ऐसा नहीं की खुशी मनाई जाए। बजट आशाओं के अनुरूप नहीं रहा और न कि टैक्स स्लैब में कोई बदलाव किया गया। साथ ही  इसमें न तो इन्वेस्टमेंट को बढ़ावा दिया गया है। वहीं मध्यमवर्गीय करदाता द्वारा सबसे ज्यादा बोझ देने वाला खर्च जिन्हें धारा 80C के माध्यम से छूट दिया जाता है उनमें भी कोई बदलाव नहीं किया गया है।

सीए पियूष जैन ने बताया कि 400 करोड़ तक टर्नओवर वाली कंपनियों को 25% की दर से आयकर देय होगा परन्तु उतने ही टर्नओवर वाले भागीदारी फर्म या प्रोप्रिएटरशिप फर्म को 30% की दर से कर देय होगा। ऐसे भेदभाव से भागीदारी फर्म आदि को कंपनियों से प्रतिस्पर्धा करना कठिन होगा। 45 लाख तक के घर खरीदी के लिए गए लोन पर 3.50 लाख तक कि ब्याज की छूट से थोड़ा फायदा मिलेगा। एमएसएमई को 2% का ब्याज की छूट का प्रावधान यदि धरातल पर लागू होगा तो अच्छा प्रावधान है। छोटे शहरों के करदाताओं के लिए बजट में बहुत कुछ नहीं है। वहीं 50 करोड़ से ज्यादा के टर्नओवर वाले बड़े व्यवसायियों को अपने कस्टमर को ऑनलाइन पेमेंट आदि की निःशुल्क सुविधा प्रदान करना होगा, परन्तु सरकार के इस नियम से जो अतिरिक्त खर्च व्यापारी वहन करेंगे उसकी पूर्ति किस माध्यम से होगी या सरकार उन्हें क्या इंसेंटिव देगी यह नहीं बताया है।  सीए श्री जैन ने बताया कि 1 वर्ष में 1 करोड़ से ज्यादा बैंक से नकद निकालने पर 2% टीडीएस लगाया गया है इससे ग्रामीण और कृषि प्रधान व्यवसाय में थोड़ी दिक्कतें आ सकती है।

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