CAA के खिलाफ हिंसा से यूपी में गई 15 जानें.. पुलिस ने 15,344 सोशल मीडिया पोस्ट पर की कार्रवाई.. अबतक 108 लोग गिरफ्तार..

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नई दिल्ली। नागरिकता संशोधन कानून के खिलाफ देशभर में विरोध प्रदर्शन जारी है, कई स्थानों पर हिंसा के मामले भी सामने आए हैं। उत्तर प्रदेश में सबसे ज्यादा हिंसा के मामले देखने को मिले हैं। पिछले एक सप्ताह में हुए प्रदर्शन में अब तक यूपी के 15 लोग अपनी जान गंवा चुके हैं। रविवार को यूपी पुलिस ने हिंसा करने और सोशल मीडिया पर भड़काऊ पोस्ट करने के मामलों पर एक रिपोर्ट जारी कर जानकारी दी।

15,344 सोशल मीडिया पोस्ट के खिलाफ कार्रवाई

यूपी पुलिस ने बताया कि नागरिकता कानून के विरोध के दौरान हिंसा से जुड़े मामलों में 164 केस दर्ज किए गए, 879 लोग गिरफ्तार, 5,312 लोगों को एहतियातन हिरासत में लिया गया। वहीं हिंसा के दौरान कुल 288 पुलिसकर्मी जख्मी हुए हैं। सोशल मीडिया पर आपत्तिजनक और भ्रामक पोस्ट करने के मामले में 76 मामले दर्ज किए गए और राज्य भर में 108 लोगों को गिरफ्तार किया गया। 15,344 सोशल मीडिया पोस्ट के खिलाफ कार्रवाई की गई।

मारे गए युवकों के परिजनों से मिलीं प्रियंका

कांग्रेस महासचिव प्रियंका गांधी रविवार दोपहर को अचानक बिजनौर के नहटौर गांव पहुंच गई। प्र‍ियंका गांधी के ब‍िजनौर आने की पुलिस-प्रशासन को कोई सूचना नहीं थी। प्रि‍यंका के अचानक आने से पुलिस-प्रशासन में हड़कंप मच गया। आनन-फानन में पुलिस-प्रशासन का अमला तुरंत नहटौर पहुंचा। बता दें कि प्रियंका गांधी ने नहटौर में 20 दिसंबर को हुई हिंसा में मारे गए अनस और सुलेमान के घर पहुंची। इस दौरान उन्होंने दोनों के परिजनों से मुलाकात की।

TMC नेताओं के आने की अनुमति नहीं

तृणमूल कांग्रेस (टीएमसी) के नेताओं के लखनऊ पहुंचने पर रोक लगा दी गई है। यूपी डीजीपी ओपी सिंह ने कहा कि लखनऊ में धारा 144 लागू है, ऐसे में टीएमसी नेताओं को हम यहां आने की अनुमति नहीं देंगे। उनके यहां आने से तनाव बढ़ सकता है। पश्चिम बंगाल की मुख्यमंत्री ममता बनर्जी की पार्टी तृणमूल कांग्रेस के चार सदस्यीय प्रतिनिधिमंडल ने लखनऊ आने का ऐलान किया था। प्रतिनिधिमंडल ने कहा था कि रविवार को लखनऊ में हिंसा के दौरान मारे गए ऑटो चालक मोहम्मद वकील के परिजनों से मुलाकात करेंगे। वहीं, यूपी डीजीपी ओपी सिंह कहा कि तृणमूल कांग्रेस (टीएमसी) के प्रतिनिधिमंडल को लखनऊ में आने की अनुमति नहीं देंगे।