04 फरवरी 2019, नई दिल्ली। पश्चिम बंगाल सरकार के रवैये पर सीबीआई आज सुप्रीम कोर्ट पहुंची थी। सीबीआई की दलीलों को सुनने के बाद अदालत ने इस मामले की सुनवाई के लिए कल यानी मंगलवार की तारीख तय किया। सीबीआई ने मांग की थी कि पश्चिम बंगाल विवाद पर सुनवाई जल्द से जल्द हो। सीबीआई का पक्ष रखते हुए इस मामले पर सुप्रीम कोर्ट में सॉलिसिटर जनरल तुषार मेहता ने कहा कि हमारी टीम को हिरासत में रखा गया, पुलिस कमिश्नर को तत्काल सरेंडर किया जाना चाहिए।
ममता सरकार के खिलाफ सुप्रीम कोर्ट पहुंची सीबीआई
- सीबीआई की मांग थी कि सुप्रीम कोर्ट पुलिस कमिश्नर को मामले की जांच में सहयोग करने का निर्देश दे।
- सीबीआई ने कहा था कि सबूतों के साथ छेड़छाड़ हो सकता है। जिसपर सीजेआई रंजन गोगोई ने कहा कि आप सबूत लेकर अदालत में आइए, अगर पुलिस कमिश्नर सबूतों को नष्ट करने के बारे में सोच भी रहे हैं तो हम उनके खिलाफ सख्त कदम उठाएंगे।
- सुप्रीम कोर्ट का कहना था कि CBIको तथ्यों को रिकॉर्ड पर लाने की अनुमति है, ताकि वह अपने इस दावे को साबित कर सकें कि बंगाल में पुलिस आयुक्त सबूतों को नष्ट करने की कोशिश कर रहे हैं।
कोर्ट ने कहा- सबूत लाइए, हम करेंगे सुनवाई
- पश्चिम बंगाल में शारदा चिट फंड घोटाले की जांच कर रही सीबीआई की टीम पुलिस कमिश्नर राजीव कुमार से पूछताछ करने के लिए उनके आवास पहुंची तो हाई वोल्टेज ड्रामा शुरू हो गया।
- मौके पर पहुंचे सीनियर पुलिस अधिकारियों ने सीबीआई अधिकारियों को न सिर्फ घर से दूर रहने के लिए कहा बल्कि उन्हें हिरासत में भी ले लिया।
- वहीं, अब सूबे की मुख्यमंत्री ममता बनर्जी मोदी सरकार के खिलाफ धरने पर बैठ गई हैं।
कल सीबीआई अधिकारियों को पुलिस ने हिरासत में ले लिया था
- सीबीआई की शीर्ष सूत्रों की मानें तो राजीव कुमार जिस वक्त शारदा चिट फंड मामले की जांच कर रही एसआईटी के मुखिया थे तो उस दौरान उन्होंने इस मामले से जुड़े कुछ अहम दस्तावेजों को अपने कब्जे में ले लिया था।
- लेकिन सुप्रीम कोर्ट के निर्दश के बाद सीबीआई ने राजीव कुमार से इन दस्तावेजों को जमा करने को कहा था। लेकिन एसआईटी ने जो दस्तावेज सीबीआई को सौंपा उसमे कुछ अहम कागज जमा नहीं किए गए।