CBI जांच में खुलेगी पोल.. पूर्व सरकार के कई मंत्री जांच के घेरे में!

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रायपुर 12 फरवरी,2020। समाज कल्याण विभाग में नि:शक्तिजन, वरिष्ठ नागरिक, विधवा व परित्यक्ता पेंशन मामले में सीबीआई द्वारा की जा रही जांच का असर अभी दिखाई नहीं दे रहा है। लेकिन विश्वसनीय सूत्रों की माने तो उन दिनों छत्तीसगढ़ शासन के वित्त मंत्री रहे अमर अग्रवाल समाज कल्याण मंत्री लता उसेंडी, महिला बाल विकास मंत्री रेणुका सिंह के साथ-साथ तत्कालीन मुख्यमंत्री डॉ.रमन सिंह की लिखित सहमति थी। बताया जाता है कि इससे संबंधित समस्त दस्तावजों की छानबीन अब सीबीआई के अफसर खंगालने की तैयारी कर रहे हैं। समाज कल्याण विभाग के अंतर्गत नि:शक्तों के कल्याण के लिए बनी सोसायटी को अब फर्जी करार दिया जा रहा है। ऐसी स्थिति में इसमें संलिप्त मंत्रीगण, मुख्यमंत्री एवं सोसायटी की प्रबंधकारिणी के सदस्यों से पूछताछ सीबीआई द्वारा शीघ्र किए जाने की चर्चा है।

ज्ञात हो कि प्रबंधकारिणी के एक सदस्य सच्चिदानंद जोशी इन दिनों रायपुर में सेवारत नहीं हैं। शेष सदस्य सभी छत्तीसगढ़ में हैं। सीबीआई जांच की सूचना से संबंधित तत्कालीन मंत्रियों के घरों में हलचल बढऩे की जानकारियां मिल रही है। वहीं विभागीय कर्मियों एवं अधिकारियों में किसी भी तरह का तनाव नहीं देखा जा रहा है। उल्लेखनीय है कि भोपाल से जांच के लिए आई सीबीआई की टीम में दिल्ली के भी अफसर हैं। विभागीय सूत्रों का मानना है कि सीबीआई टीम मंत्रियों एवं संबंधितों से पूछताछ करने प्रश्नावली तैयार कर चुकी है और इस घोटाले से यथाशीघ्र परदा उठाने की कोशिश में लगी है ताकि दूध का दूध और पानी का पानी की तर्ज पर पारदर्शी निर्णय हो सके। बहरहाल प्रदेश में बहुचर्चित नान घोटाले की तर्ज पर नि:शक्तजनों पर केन्द्रित घोटाले की जांच के परिणाम की प्रतीक्षा की जा रही है।

ज्ञात हो कि हाईकोर्ट के आदेश के बाद आईएएस बीएल अग्रवाल और सतीश पाण्डेय ने कोर्ट में रिव्यू पीटिशन दाखिल किया था। हालांकि कोर्ट ने दोनों की रिव्यू पीटिशन को खारिज कर दिया था। दोनों नौकरशाहों के अलावा राज्य सरकार की तरफ से भी रिव्यू पीटिशन दाखिल किया गया। सरकार द्वारा दायर पीटिशन में कहा गया था कि मामले की जांच सीबीआई की बजाय राज्य पुलिस को सौंपा जाए, राज्य पुलिस मामले की निष्पक्ष जांच करने में सक्षम है। किन्तु ऐसा नहीं हुआ।