सीबीएसई ने सुप्रीम कोर्ट को बताया कैसे तय होगा 12वीं का रिजल्ट, 10वीं और 11वीं के नंबर भी बनेंगे आधार…

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नई दिल्ली,17 जून 2021। कोरोना वायरस महामारी के चलते इस साल केंद्रीय माध्यमिक शिक्षा बोर्ड (सीबीएसई) की 12वीं की परीक्षाएं रद्द कर दी गई थीं। ऐसे में 12वीं के छात्रों को नंबर और ग्रेड देने का आधार क्या होगा, इसके लिए एक कमेटी सीबीएसई ने बनाई थी।

इस कमेटी ने गुरुवार को सुप्रीम कोर्ट को जानकारी दी है कि 12वीं के छात्रों को नंबर देने का आधार क्या होगा। सीबीएसई की ओर से सुप्रीम कोर्ट को बताया गया है कि 12वीं के रिजल्ट के लिए छात्र के 10वीं और 11वीं के नंबरों को 30-30 फीसदी और 12वीं के इंटरनल मार्क्स को 40 फीसदी आधार बनाया जाएगा।
सीबीएसई ने12वीं के रिजल्ट को बनाने के लिए तय की गई पॉलिसी के बारे में जो जानकारी उच्चतम न्यायालय के सामने दी है। उसके मुताबिक, 10वीं के नंबर का 30 परसेंट, 11वीं के नंबर का 30 परसेंट और 12वीं के नंबर के 40 परसेंट के आधार पर नंबर आएंगे। 10वीं के 5 विषय में से 3 विषय के सबसे अच्छे मार्क को लिया जाएगा, 11वीं के पांचों विषय का एवरेज लिया जाएगा और 12वीं के प्री-बोर्ड एग्जाम, यूनिट, टर्म और प्रैक्टिकल में प्राप्त अंकों को ध्यान में रखा जाएगा।

एजी केके वेणुगोपाल ने सुप्रीम कोर्ट को बताया कि ​​बारहवीं कक्षा के लिए फाइनल अंक देने का संबंध है तो इसके लिए विभिन्न स्कूलों की नंबर देने के तरीके में अंतर को देखने के लिए एक मॉडरेशन कमेटी बनाई जाएगी। सीबीएसई के हजारों स्कूलों में से प्रत्येक के लिए परिणाम समिति गठित होगी, स्कूल के दो शिक्षक और पड़ोसी स्कूल के शिक्षक मॉडरेशन कमेटी में होंगे ताकि यह सुनिश्चित हो सके कि स्कूल ने अंकों को बढ़ा-चढ़ाकर नहीं बता दिए हैं। 31 जुलाई को आएगा रिजल्ट सीबीएसई की ओर से सुप्रीम कोर्ट को बताया गया कि 31 जुलाई तक 12वीं के रिजल्ट घोषित कर दिए जाएंगे, जो बच्चे परिणाम से संतुष्ट नहीं होंगे। उन्हें दोबारा परीक्षा देने का मौका दिया जाएगा, इसके लिए गाइडलाइन बनाई जाएगी।

बता दें कि कोरोना महामारी के चलते परीक्षाएं रद्द होने के बाद सीबीएसई ने 13 सदस्यीय एक समिति का गठन किया था। समिति को एक रिपोर्ट तैयार करने को कहा गया था। जिसमें छात्रों को नंबर कैसे दिए जाएं, ये बताया जाए।