06 अप्रैल 2019, भिलाई@ आदित्य घोष। श्रीमद् देवी भागवत पुराण में वर्णित है कि मां दुर्गा हमेशा सिंह पर सवार होकर राक्षसों का संहार करती हैं। सिंह ही मां दुर्गा का वाहन है, किंतु नवरात्रि पर मां दुर्गा की जब घर-घर में घट स्थापना की जाती है तो मां दुर्गा हर साल अलग-अलग वाहनों पर सवार होकर आती हैं। इस साल चैत्र नवरात्रि पर छह अप्रैल को मां दुर्गा घोड़े पर सवार होकर आ रही हैं।
नौ दिनों तक भक्त मां दुर्गा की आराधना करेंगे। नवमी पर कन्या पूजन के बाद दशमी तिथि पर माता की विदाई भैंसे पर होगी यानी मां भैंसे पर बैठकर वापस जाएंगी।
महामाया मंदिर के पुजारी पं.मनोज शुक्ला के अनुसार देवी पुराण के श्लोक ‘शशिसूर्ये गजारूढ़ा शनिभौमे तुरंगमे। गुरौ शुक्रे च दोलायां बुधे नौका प्रकीत्र्तिता” अर्थात प्रतिपदा तिथि यदि सोमवार या रविवार को पड़े तो मां दुर्गा हाथी पर आती हैं।
घोड़ा युद्ध का प्रतीक
- चूंकि चैत्र नवरात्रि पर मां घोड़े पर सवार होकर आ रही हैं और घोड़े को युद्ध का प्रतीक माना जाता है।
- इस वजह से शासन और सत्ता के लिए यह शुभ संकेत नहीं है। सरकार को विरोध का सामना करना पड़ सकता है।
- इस बार की नवरात्रि दुर्लभ संयोगों से परिपूर्ण है।
- नवरात्रि के नौ दिनों में 5 सर्वार्थसिद्धि, 5 रवि योग, 1 रवि पुष्य योग तथा स्वर्गलोक की भद्रा का संयोग बन रहा है इस तरह के योग में देवी साधना करना विशेष फलदायी माना जाता है।
हिंदू नववर्ष का नाम परिधावी संवत्सर
- ऐसी मान्यता है कि हिन्दू पंचांग की शुरुआत चैत्र शुक्ल पक्ष की प्रतिपदा तिथि से राजा विक्रमादित्य ने की थी।
- इसके चलते इसे विक्रम संवत कहा जाता है।
CG METRO.COM की पूरी टीम की तरफ से आप सभी को चैत्र नवरात्रि और हिन्दू नववर्ष की हार्दिक शुभकामनाएं …