चंद्रयान-2 : एक साल की अवधि में चंद्रमा की 4400 परिक्रमा की पूरी, फोबोस की भी ली तस्वीर….

0
79

बेंगलुरु: अंतरिक्ष एजेंसी इसरो(ISRO) ने कहा कि भारत के दूसरे चंद्र अभियान चंद्रयान-2 ने बृहस्पतिवार को चंद्रमा की कक्षा में चारों ओर परिक्रमा करते हुए एक वर्ष पूरा कर लिया है और इसके सभी उपकरण वर्तमान में अच्छी तरह काम कर रहे हैं। साथ ही कहा कि सात और वर्षों के संचालन के लिए चंद्रयान-2 में पर्याप्त ईंधन मौजूद है।

चंद्रमा की कक्षा में 4,400 पूरी की परिक्रमा
भारतीय अंतरिक्ष अनुसंधान संगठन (इसरो) ने कहा, ‘हालांकि, उतरने का प्रयास (रोवर ले जाने वाले लैंडर का) सफल नहीं हुआ था। वहीं, आठ वैज्ञानिक उपकरणों से सुसज्जित अंतरिक्षयान ने सफलतापूर्वक चंद्रमा की कक्षा में प्रवेश किया था। अंतरिक्षयान ने चंद्रमा की कक्षा में करीब 4,400 परिक्रमा पूरी की हैं और इसके सभी उपकरण अच्छी तरह काम कर रहे हैं।’

चंद्रमा ‘फोबोस’ की ली तस्वीर
इसरो ने कहा कि अंतरिक्षयान बिल्कुल ठीक था और इसकी उप प्रणालियों का प्रदर्शन सामान्य है, इससे पहले जुलाई में भारतीय अंतरिक्ष अनुसंधान संगठन (इसरो) के मंगलयान (मार्स ऑर्बिटर मिशन) में लगे ‘मार्स कलर कैमरा’ (एमसीसी) ने मंगल के सबसे बड़े चंद्रमा ‘फोबोस’ की तस्वीर ली थी। यह तस्वीर एक जुलाई को ली गई थी जब मंगलयान मंगल से करीब 7,200 किमी और फोबोस से करीब 4,200 किमी दूर था। इसरो ने तस्वीर के साथ एक अपडेट में कहा, ‘6 एमसीसी फ्रेम से ली गई यह एक समग्र तस्वीर है और यह स्पष्ट है।’

आकाशीय पिंडों के टकराने से बने विशाल गड्ढे
इसरो के मुताबिक इस तस्वीर में अतीत में फोबोस से आकाशीय पिंडों के टकराने से बने विशाल गड्ढे भी(क्रेटर) दिख रहे हैं। ये हैं स्लोवास्की, रोश और ग्रिलड्रिग। इसरो के इस मिशन का उद्देश्य शुरू में छह महीने के लिये ही था लेकिन बाद में उसने कहा कि इसके कई वर्षों तक सेवा देने के लिए इसमें पर्याप्त मात्रा में ईंधन है।