छत्तीसगढ़ विधानसभा: बजट सत्र के दूसरे दिन हंगामा, सत्तापक्ष के जवाबों से अंसतुष्ट होकर विपक्ष ने किया वाकआउट..

0
117

11 फरवरी 2019, रायपुर। छत्तीसगढ़ विधानसभा में बजट सत्र के दूसरे दिन जमकर हंगामा हुआ। हंगामे के बाद विपक्ष ने सदन से वॉकआउट कर लिया। सोमवार को प्रश्नकाल के दौरान विपक्षी विधायकों ने सरकार पर कई तरह के आरोप लगाए और जमकर हंगामा किया।

  • विधायक धरमलाल कौशिक ने सवाल करते हुए कहा कि विधानसभा चुनाव के पहले जितने कार्य स्वीकृत हुए हैं।
  • आदेश के बाद जो काम रुका हुआ है। ऐसे कितने विभाग के काम रुके हैं। ये सभी काम कब तक पूरे होंगे।
  • मुख्यमंत्री भूपेश बघेल ने जवाब देते हुए कहा कि चुनाव के चलते आदेश दिया गया है। नई सरकार की अलग प्राथमिकता है। 203 काम को स्वीकृत किया गया है। निरीक्षण किया जा रहा है उसके बाद आदेश दिया जाएगा। जो काम रुका हुआ है उसका परीक्षण कर जारी किया जाएगा।
  • डॉ रमन सिंह ने कहा कि प्राधिकरण क्षेत्र के कामों को प्राथमिकता देना चाहिए। इस पर बृजमोहन अग्रवाल ने प्रश्न करते हुए कहा कि टेंडर निरस्त के कारण विकास के काम रोके गए हैं। जहाँ सरकार का पैसा भी नही लगा है। रूटीन के काम को भी रोका गया है।
  • इस पर सत्ता पक्ष ने जमकर हंगामा किया। सत्तापक्ष ने कहा कि टेंडर में जमकर घोटाला किया गया है।
  • इस पर सीएम ने जवाब दिया कि स्काई वाक जैसे कई योजनाएं है जिसकी समीक्षा की जाएगी। जो राज्य के बजट से टेंडर किया गया है केवल वही रोका गया है प्रस्ताव के साथ स्वीकृति दी जाएगी।
  • अमरजीत भगत ने कहा कि जो टेंडर हुए थे इसके पैसे वापस करना पड़ रहा है इस वजह से विपक्ष परेशान है।
  • अजय चंद्रकार के विभाग और विधानसभा में बिना पैसे दिए कोई काम नही होता था। इस पर विपक्ष ने भी जमकर हंगामा किया।
  • हंगामे में बाद आसंदी ने कहा कि प्रश्नकाल में जो हंगामा करेगा उस पर कार्यवाही की जायेगी।
  • इस पर मंत्री बृजमोहन अग्रवाल ने कहा कि इस तरह से सत्ता पक्ष के द्वारा गलत आरोप लगाया जा रहा है इस से सदन नही चलाया जा सकता है।
  • बता दें कि विधानसभा बजट सत्र का आज दूसरा दिन है।
  • दूसरे दिन आज प्रश्नकाल शुरू होते ही बिलाईगढ़ विधायक चंद्रदेव प्रसाद ने सवाल उठाया कि ग्राम पंचायतों में पेयजल की संकट है।
  • इस सवाल के जवाब में मंत्री रूद्र गुरुदेव ने कहा कि ग्राम पंचायतों में पानी की कोई समस्या नहीं है। ना ही पेयजल की संकट है।
  • साथ ही दुर्ग विधायक अरुण वोरा ने सवाल उठाते हुए कहा कि 2016-017 में हेलीकॉप्टर के जो टेंडर निरस्त किये गए थे।
  • इसके पीछे वजह क्या थी। इस सवाल के जवाब पर मुख्यमंत्री भूपेश बघेल ने कहा कि वो नियम का पालन नही किये हैं। इस वजह से निरस्त किया गया है। –
  • इस टेंडर में अधिक राशि नही दी गयी है। मुख्यमंत्री के जवाब से विधायक असंतुष्ट नजर आए।
  • वहीं छत्तीसगढ़ पुलिस ने किराये के हेलीकाप्टर पर तीन साल में 48 करोड़ रुपए फूंक डाला।
  • विधानसभा में मुख्यमंत्री भूपेश बघेल ने भी माना कि फिजूलखर्ची हुई है, इतने पैसे में नए हेलीकाप्टर खरीदे जा सकते थे।

LEAVE A REPLY

Please enter your comment!
Please enter your name here