छत्तीसगढ़ के सरकारी विभाग में प्रमोशन के लिए नहीं मिलेगा आरक्षण, हाईकोर्ट ने नियम किया निरस्त, यहां जानिए पूरा मामला…

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06 फरवरी 2019 बिलासपुर। बिलासपुर हाईकोर्ट ने एक महत्वपूर्ण फैसला दिया है। हाईकोर्ट ने प्रदेश के विभिन्न शासकीय विभागों में प्रमोशन में आरक्षण देने के नियम को निरस्त कर दिया है। चीफ जस्टिस अजय कुमार त्रिपाठी व जस्टिस पीपी साहू की बेंच ने राज्य सरकार को सुप्रीम कोर्ट द्वारा जरनैल सिंह व अन्य के मामले में दिए गए गाइड लाइन के मुताबिक नए सिरे से नियम या नीति बनाने की छूट दी है। हाईकोर्ट का आदेश निगमों व अन्य विभागों में भी प्रभावशील होगा। हाईकोर्ट में नियम के खिलाफ 150 से अधिक याचिकाएं दायर की गई थीं।

बेंच में हुई सुनवाई…

  • मीडिया रिपोर्ट्स की माने तो, मामलों पर चीफ जस्टिस अजय कुमार त्रिपाठी और जस्टिस पीपी साहू की बेंच में सुनवाई हुई।
  • हाईकोर्ट ने सुप्रीम कोर्ट की संविधान पीठ द्वारा जरनैल सिंह व अन्य विरुद्ध लक्ष्मी नारायण गुप्ता व अन्य के मामले में दिए गए फैसले व गाइड लाइन का हवाला देते हुए छत्तीसगढ़ सिविल सर्विसेज प्रमोशन रूल्स 2003 के नियम 5 को निरस्त कर दिया है।
  • हाईकोर्ट ने राज्य शासन को सुप्रीम कोर्ट द्वारा जरनैल सिंह के मामले में दिए गए गाइड लाइन के मुताबिक नया नियम या नीति बनाने की छूट दी है।
  • राज्य शासन के तहत निगमों व अन्य विभागों में प्रमोशन रूल्स 2003 के नियम 5 के तहत प्रमोशन में आरक्षण देने पर भी हाईकोर्ट का आदेश प्रभावी होगा।
  • राज्य शासन ने छत्तीसगढ़ सिविल सर्विसेज प्रमोशन रूल्स 2003 के नियम 5 के तहत प्रदेश के विभिन्न विभागों में प्रमोशन में आरक्षण देने की व्यवस्था की थी। – इस नियम के खिलाफ शरद कुमार श्रीवास्तव, विवेकानंद पांडेय, मनीराम कौशिक, अमित घोष सहित 150 से अधिक कर्मचारियों ने 2013, 2016, 2017 में याचिकाएं दायर कर प्रमोशन में आरक्षण देने की व्यवस्था को असंवैधानिक ठहराते हुए निरस्त करने की मांग की थी।

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