15 मई 2019, रायपुर। छत्तीसगढ़ सरकार जल्द ही एक नयी पहल करने जा रही है। ग्राउंड और सरफेस वाटर के बेहतर प्रबंधन के लिए राज्य सरकार समग्र जल विधेयक लाने जा रही है। बताया जा रहा है कि इसमें पेयजल, सिंचाई और उद्योगों के लिए पानी की मात्रा तय की जाएगी। साथ ही पानी की बर्बादी रोकने के लिए सजा का प्रावधान किया जाएगा।
जानकारी के मुताबिक इसे मानसून सत्र में विधानसभा में पेश किया जा सकता है। विधेयक पारित होने के बाद एक रेग्युलेटरी अथाॅरिटी भी बनाई जाएगी। इसके साथ ही पानी के बेहतर उपयोग और पानी के संरक्षण को लेकर योजना बनाई जाएगी।
- आपको बता दें कि राज्य में फिलहाल 1932 के कानून के आधार पर जल प्रबंधन किया जाता है।
- कोई रेग्युलेटरी अथाॅरिटी नहीं बनाई गई है।
- यही वजह है कि उद्योगों के बोर खनन के लिए आज भी केंद्रीय भूजल बोर्ड से मंजूरी लेनी पड़ती है।
- जानकारी के मुताबिक जल विधेयक में नरवा, गरुवा, घुरवा और बाड़ी को ध्यान में रखकर भी प्रावधान किए जाएंगे।
- बता दें कि प्रदेश में कांग्रेस सरकार के गठन के बाद से ही सरकार नरवा, गरुवा, घुरवा और बाड़ी पर विशेष रुप से फोकस कर रही है।