छत्तीसगढ़ : भाजपा प्रभारी डी पुरंदेश्वरी के बयान पर मुख्यमंत्री भूपेश बघेल के साथ मंत्रियों ने जताई आपत्ति, कही ये बात….

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रायपुर, 04 सितम्बर 2021। मुख्यमंत्री भूपेश बघेल भाजपा प्रभारी डी पुरंदेश्वरी के जगदलपुर में दिए गए बयान पर कड़ी आपत्ति जताते हुए कहा कि यह छत्तीसगढ़िया का अपमान है। किसानों का अपमान है। ये लोग नफरत की फसल उगा रहे हैं। पुरंदेश्वरी के बयान के बाद पार्टी की ओर से कोई खंडन या माफीनामा नहीं आया। पूरी भाजपा यह सोचती है कि यह किसान, छत्तीसगढ़िया नफरत के लायक है, इसका हम विरोध करते हैं। ये छत्तीसगढ़ियों से माफी मांगे।

मुख्यमंत्री भूपेश बघेल ने डी पुरंदेश्वरी के बयान को लेकर शनिवार को सात अन्य मंत्रियों के साथ पत्रकार वार्ता की। चिंतिन शिविर को लेकर चर्चा करते हुए उन्होंने कहा कि इस तीन दिवसीय शिविर में भाजपा की चिंता बस्तर की नहीं, आदिवासियों की नही, नक्सली समस्या नहीं बल्कि धर्मान्तरण, छत्तीसगढ़ सरकार और ओबीसी को साधने की थी। उनके एक प्रभारी ने कहा कि सबसे बड़ी चुनौती छत्तीसगढ़ के मुख्यमंत्री और उनका किसान होना था।

मुख्यमंत्री ने कहा कि छत्तीसगढ़ की धरती माता कौशल्या, मिनीमाता की है, इसलिए नारियों को सम्मान की दृष्टि से देखा जाता है। पुरंदेश्वरी मेरे लिए सम्मानित हैं। एक तरफ भाजपा के एक प्रभारी सबसे बड़ी चुनौती किसान को कहते हैं, वहीं किसान का मुख्यमंत्री होने को सबसे बड़ी चुनौती मानते है। पुरंदेश्वरी कहती हैं कि पूरा मंत्रिमंडल उनके थूक से बह जाएगा। थूकने का मतलब है नफरत करना है, घृणा करना। इससे पता चलता है कि आपके मन में कितनी घृणा है।

सीएम बघेल ने कहा कि सरकार किसानों की सरकार है, और इन्होंने किसानों पर थूकने की बात कही है। उनके बयान से पता चलता है कि किसानों के प्रति उनकी पार्टी की भावनाएं क्या है। भाजपा की पिछड़ों के प्रति, अल्पसंख्यकों के प्रति, अनुसूचित जाति- जनजाति के प्रति कितनी गृणा है, ये देखिये। किसानों पर थूकने के बात कही है। किसानों के प्रति प्रभारी के मन में जो घृणा है, नफरत है उनके बयान से परिलक्षित होता है।

मुख्यमंत्री ने कहा कि यह छत्तीसगढ़िया का अपमान है। किसान का अपमान है। हम छत्तीसगढ़ के लोग हैं। हम किसान हैं, हमारे मन में नफरत नहीं है। ये लोग नफरत की फसल उगा रहे हैं। पुरंदेश्वरी के बयान के बाद पार्टी की ओर से कोई खंडन या माफीनामा नहीं आया। पूरी भाजपा यह सोचती है कि यह किसान, छत्तीसगढ़िया नफरत के लायक है, इसका हम विरोध करते हैं। ये छत्तीसगढ़ियों से माफी मांगे।

वन मंत्री मोहम्मद अकबर ने कहा कि पुरंदेश्वरी का बयान पूरी छत्तीसगढ़ की जनता का अपमान है। प्रदेश में पानी नहीं गिरा है, अकाल की स्थिति है, लेकिन इन्हें अपने सूखे की चिंता है। महामारी अधिनियम में थूकना अपराध है। थूकने के लिए प्रेरित करना अपराध है। अगर कलेक्टर ने संज्ञान ले लिया तो लेने के देने पड़ जाएंगे। इनको अंदाज़ नहीं है ताकत का गलत आकलन कर रहे हैं।