वैश्विक संकट को मात देने छत्तीसगढ़ हुआ तैयार, स्वास्थ्य मंत्री टीएस सिंहदेव ने ‘रेस टू जीरो’ कार्यक्रम का किया समर्थन

0
63

रायपुर। छत्तीसगढ़ के स्वास्थ्य विभाग ने UNFCCC के वैश्विक रेस टू जीरो अभियान को नये लक्ष्य के रूप में स्वीकार किया है। इस अभियान के तहत नए लक्ष्य निर्धारित कर प्रदेशवासियों को निरोगी जीवन के लिए काम किया जा रहा है। इस अभियान के तहत 2050 तक शून्य कार्बन उत्सर्जन प्राप्त करने का लक्ष्य रखा गया है।

छत्तीसगढ़ बना देश का पहला राज्य

छत्तीसगढ़ के स्वास्थ्य मंत्री टीएस सिंह देव ने इस संबंध में कहा कि जलवायु परिवर्तन आज हमारी धरती के सामने खड़े सबसे बड़े संकटों में से एक है। जलवायु में हो रहे हानिकारक बदलाव के खतरे से निपटने के लिए एक योजना की रूपरेखा बनाना आवश्यक है। इस क्षेत्र में नेतृत्व दिखाना स्वास्थ्य विभाग का कर्तव्य है। उन्होंने कहा कि छत्तीसगढ़ भारत का पहला राज्य है, जिसने स्वास्थ्य क्षेत्र में जलवायु परिवर्तन के प्रभावों के विपरीत योजना निर्धारित कर रहा है। ‘रेस टू जीरो’ अभियान के अनुसार कार्बन उत्सर्जन को जीरो तक पहुंचाने का लक्ष्य रखा गया है।

क्या है ग्लोबल ‘रेस टू जीरो’ ?

विश्वभर में कार्बन उत्सर्जन और जलवायु परिवर्तन एक बड़ी चुनौती है। ‘रेस टू जीरो’ एक प्रतिष्ठित यूनाइटेड नेशन क्रॉस-सेक्टोरल ग्लोबल अभियान इस चुनौती का विकल्प बनकर सामने आया है। इस वैश्विक अभियान के माध्यम से कार्बन उत्सर्जन में आवश्यक कमी लाने के लक्ष्य निर्धारित किए गए हैं। वैश्विक कार्बन कटौती लक्ष्यों को पूरा करने के लिए जरूरी है। नई पीढ़ियों के लिए बेहतर वातावरण सुनिश्चित करने की दिशा में एक क्रांतिकारी पहल है।

ग्लोबल ‘रेस टू जीरो’ कार्यक्रम का समर्थन

स्वास्थ्य मंत्री टीएस सिंहदेव ने UNFCCC के ग्लोबल ‘रेस टू जीरो’ कार्यक्रम का समर्थन किया। इसके अलावा 2050 तक शून्य कार्बन उत्सर्जन प्राप्त करने का लक्ष्य निर्धारित किया। रेस टू जीरो’ को स्वास्थ्य क्षेत्र में प्रोत्साहित कर छत्तीसगढ़ स्वास्थ्य विभाग शीर्ष सूची में शामिल हुआ है।