छत्तीसगढ़ : संतान प्राप्ति के लिए अनूठी परंपरा, महिलाओं को लिटाकर उनके ऊपर चलते हैं बैगा… जानिए क्या है पूरी खबर…

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धमतरी, 13 नवम्बर 2021। दिवाली के बाद पहले शुक्रवार को होने वाले मड़ई मेले का अलग ही महत्व है। इस दिन महिलाएं संतान प्राप्ति के लिए मां अंगारमोती के दरबार में पहुंचती हैं। महिलाएं पेट के बल लेट जाती हैं और उनके ऊपर से चलकर बैगा आगे बढ़ते हैं। हर साल दिवाली के बाद पहले शुक्रवार को इसी मन्नत के साथ दूरदराज से बड़ी संख्या में महिलाएं गंगरेल आती हैं। 21वीं सदी में संतान प्राप्ति के लिए महिलाओं के ऊपर से बैगा का निकलना हैरान करने वाला है। हालांकि लोगों की आस्था अब भी इसमें है, यही वजह है कि दूर-दूर से महिलाएं यहां आती हैं।

अंगार मोती माता मंदिर में मड़ई मेलाशहर से करीब 12 किलोमीटर दूर स्थित गंगरेल बांध के किनारे मां अंगारमोती विराजित हैं, जिनकी ख्याति दूर-दूर तक फैली हुई है। मान्यता के अनुसार दिवाली के बाद आने वाले पहले शुक्रवार को यहां मड़ई मेले का आयोजन होता है। शुक्रवार को दिवाली के बाद मड़ई देखने शहर सहित ग्रामीण इलाकों से हजारों की संख्या में श्रद्धालु पहुंचे। वनदेवी अंगारमोती का दर्शन कर उन्होंने अपने परिवार की सुख-शांति और समृद्धि की कामना की। मड़ई में करीब 52 गांवों से देवी-देवता शामिल हुए
डूब प्रभावित गांवों की अधिष्ठात्री हैं।

जब गंगरेल बांध नहीं बना था, तो उस इलाके में बसे गांवों में शक्ति स्वरूपा मां अंगारमोती अधिष्ठात्री देवी थीं। बांध बनने के बाद वह सभी गांव डूब में चले गए, लेकिन माता के भक्तों ने अंगारमोती की गंगरेल के तट पर फिर से स्थापना कर दी। जहां सालभर भक्त दर्शन के लिए आते हैं। उनका मानना है कि माता से मांगी मन्नत जरूर पूरी होती है।

इस मेले का लोगों को होता है इंतजारइलाके में पूरे साल में मड़ई का दिन सबसे खास होता है। इस दिन यहां सैकड़ों की संख्या में लोग पहुंचते हैं। आदिवासी परंपराओं के साथ पूजा और रीतियां निभाई जाती है। इस दिन यहां बड़ी संख्या में महिलाएं संतान प्राप्ति के लिए मन्नत मांगने पहुंचती हैं। महिलाएं मंदिर के सामने हाथ में नारियल, अगरबत्ती, नींबू लिए कतार में खड़ी होती हैं…

जमीन पर लेटी महिलाओं के ऊपर से चलकर आगे बढ़ते हैं बैगा यहां के लोगों का कहना है कि यहां वे तमाम बैगा भी आते हैं, जिन पर देवी सवार होती है और झूमते-झूपते थोड़े बेसुध से मंदिर की तरफ बढ़ते हैं। चारों तरफ ढोल-नगाड़ों की गूंज रहती है। बैगाओं को आता देख कतार में खड़ी सारी महिलाएं पेट के बल दंडवत लेट जाती हैं और सारे बैगा उनके ऊपर से गुजरते हैं। मान्यता है कि जिस भी महिला के ऊपर बैगा का पैर पड़ता है, उसे संतान के रूप में माता अंगारमोती का आशीर्वाद मिलता है। बहरहाल मौजूदा दौर में जहां संतान के लिए लोग आधुनिकतम टेस्ट ट्यूब और आईवीएफ तकनीक का सहारा लेते हैं, तो वहीं ऐसे समय में यह मान्यता हैरान करने वाली है।