छत्तीसगढ़ : मंत्रिमंडल में फेरबदल की संभावना, मुख्यमंत्री भूपेश बघेल ने दिए संकेत, कहा- दिल्ली में होगी हाईकमान से बात……

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रायपुर, 20 दिसम्बर 2021। छत्तीसगढ़ में ढाई-ढाई साल के सियासी ड्रामा के साथ कांग्रेस सरकार के तीन साल पूरे हो गए हैं। तीन साल पूरे होने के साथ अब एक नए राजनीतिक माहौल की शुरुआत हो गई। सियासी गलियारों में अब मंत्रिमंडल में फेरबदल की चर्चा शुरू हो गई। मुख्यमंत्री भूपेश बघेल सोमवार को दिल्ली गए तो राजनीतिक पारा फिर चढ़ गया। मीडिया ने जब सीएम से इस बारे में पूछा तो उन्होंने इनकार भी नहीं किया। उन्होंने कहा कि अभी दिल्ली जा रहे हैं। कांग्रेस के पूर्व राष्ट्रीय अध्यक्ष राहुल गांधी से मुलाकात करेंगे। साथ ही उत्तर प्रदेश चुनाव को लेकर भी महत्वपूर्ण चर्चा होगी।

हाईकमान से निर्देश मिले तो मंत्रिमंडल में होगा बदलाव

सीएम भूपेश ने कहा कि दिल्ली में महत्वपूर्ण बैठक है, जिसमें शामिल होना हैं। उन्होंने कहा कि पार्टी हाईकमान से निर्देश मिले तो मंत्रिमंडल में बदलाव होगा। दिल्ली के बाद मुख्यमंत्री उत्तर प्रदेश भी जाएंगे और वहां चुनावी तैयारियों की समीक्षा करेंगे। सीएम भूपेश ने कहा कि लखनऊ और लखीमपुर खीरी में चुनाव तैयारियों को लेकर बैठक है। चुनावी रणनीति पर वहां के पदाधिकारियों से चर्चा करेंगे। बता दें कि सीएम भूपेश बघेल को यूपी चुनाव में मुख्य जिम्मेदारी दी गई है, जिसके चलते वे लगातार उत्तर प्रदेश का दौरा कर रहे हैं।

छत्तीसगढ़ की राजनीति में यह चर्चा भी तेज

राजनीतिक सूत्रों से मिली जानकारी के मुताबिक नए मंत्रिमंडल में सरगुजा और दुर्ग संभाग से कुछ मंत्रियों की छुट्टी हो सकती है। वहीं बस्तर से कुछ नए चेहरों को मंत्रिमंडल में शामिल किया जा सकता है। खबर यह भी है कि पहली बार चुनकर आए कुछ नए चेहरों को भी मौका मिल सकता है। सूत्रों की मानें तो दिल्ली में सीएम भूपेश और राहुल गांधी के बीच उत्तर प्रदेश विधानसभा चुनाव के साथ छत्तीसगढ़ में मंत्रिमंडल फेरबदल को लेकर मंत्रणा होगी।

सत्ता और संगठन में तालमेल बिठाने की कवायद

बता दें कि सीएम बघेल ने 17 दिसंबर को दिल्ली जाने के दौरान यह संकेत दिए थे। इसके बाद से सियासी गलियारों में हलचल तेज है। जानकारों की मानें तो दो बड़े नेताओं के बीच संतुलन बिठाने की अगर पार्टी कोशिश करती है तो स्वास्थ्य मंत्री टीएस सिंहदेव के कुछ करीब विधायकों को मंत्रिमंडल में शामिल किया जा सकता है। वहीं जातिगत समीकरण को ध्यान में रखकर दो वरिष्ठ कांग्रेसी नेताओं को मंत्रिमंडल में फिर लिया जा सकता है।