दंतेवाड़ा में आयोजित मलेरिया मुक्त बस्तर अभियान में शामिल हुए मुख्यमंत्री भूपेश बघेल, कहा- मलेरिया के उन्मूलन से कुपोषण और एनीमिया से मिलेगी मुक्ति..

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रायपुर, 25 जनवरी 2020। मुख्यमंत्री भूपेश बघेल ने कहा है कि बस्तर दुनिया के सबसे खूबसूरत जगहों में से एक है और उससे भी ज्यादा अच्छे यहां के लोग हैं। सब कुछ अच्छा होने के बावजूद यहां कुछ कमियां है। इनमें कुपोषण, एनीमिया और मलेरिया प्रमुख है। उन्होंने कहा कि मलेरिया से पीड़ित होने पर शरीर के पोषक तत्वों में कमी हो जाती है, जिससे एनीमिया और कुपोषण जैसी समस्याएं उत्पन्न होती है। इसलिए यदि मलेरिया का उन्मूलन कर दिया जाए तो एनीमिया और कुपोषण से भी मुक्ति मिल सकती है। मुख्यमंत्री भूपेश बघेल आज दंतेवाड़ा के कारली पुलिस लाईन में आयोजित मलेरिया मुक्त बस्तर अभियान के कार्यक्रम में उपस्थित जनसमूह हो सम्बोधित कर रहे थे। 

मुख्यमंत्री ने कहा कि कुपोषण को दूर करने के लिए जून 2019 से हम मुख्यमंत्री सुपोषण अभियान चला रहे हैं, जिसे आप सबकी भागीदारी से अच्छी सफलता मिल रही है। उन्होंने कहा कि 15 जनवरी से पूरे बस्तर संभाग में मलेरिया मुक्त बस्तर अभियान शुरू किया गया है, जिसमें आप सभी की भागीदारी जरूरी है।

मुख्यमंत्री ने कहा कि मलेरिया के सर्वाधिक प्रकरण बस्तर संभाग में पाए जाते हैं इसलिए यह अभियान बस्तर से शुरू किया गया है। आजकल देखने में यह आया है कि मलेरिया होने के बावजूद भी इसके लक्षण दिखाई नहीं देते। इसलिए सभी को चाहे बुखार हो या ना हो मलेरिया की जांच अवश्य करानी चाहिए, तभी हम बस्तर को मलेरिया मुक्त बना सकते हैं।

उन्होंने कहा कि स्वास्थ्य कार्यकर्ता विपरीत भौगोलिक परिस्थितियों के बावजूद हर गांव और घर तक पहुंच रहे हैं। इन कार्यकर्ताओं का सहयोग कर अभियान में भागीदार बनें। उन्होंने मलेरिया मुक्त बस्तर अभियान में लगे सभी स्वास्थ्य कार्यकर्ताओं को बधाई दी।

मुख्यमंत्री भूपेश बघेल ने कहा कि अभियान के दौरान मलेरिया की जांच और उपचार तो हो ही रहा है। यह कोशिश की जानी चाहिए कि मलेरिया को होने ही नहीं दिया जाए। इसके लिए घर के आसपास सफाई और मच्छर के लार्वा को नष्ट करें। इसके साथ ही सभी लोग मच्छरदानी लगाकर सोने की आदत डालें। मुख्यमंत्री ने कार्यक्रम में उपस्थित सभी लोगों को मलेरिया मुक्त बस्तर बनाने की शपथ दिलाई।

उद्योग एवं वाणिज्य कर मंत्री कवासी लखमा ने भी कार्यक्रम को संबोधित किया। कवासी लखमा ने कहा कि मुख्यमंत्री भूपेश बघेल हर बड़े अभियान या कार्यक्रम की शुरुआत बस्तर से करते हैं। चाहे मुख्यमंत्री सुपोषण अभियान हो या मुख्यमंत्री हाट बाजार योजना। अब मलेरिया मुक्त बस्तर अभियान की शुरुआत भी बस्तर से की गई है। उन्होंने कहा कि मुख्यमंत्री जो भी अभियान और कार्यक्रम शुरू करते हैं वह सफल होता है। यह कार्यक्रम भी आप सबकी भागीदारी से सफल होगा। कार्यक्रम को स्थानीय विधायक देवती कर्मा ने भी संबोधित किया। 

स्वास्थ विभाग की सचिव निहारिका बारिक सिंह ने मलेरिया मुक्त बस्तर अभियान की जानकारी दी। उन्होंने कहा कि बस्तर में परजीवी सूचकांक सबसे ज्यादा है। प्रदेश में मलेरिया के प्रकरणों में से 72 प्रतिशत प्रकरण बस्तर से आते हैं। इसलिए इस अभियान की शुरुआत बस्तर से की जा रही है। उन्होंने कहा कि मलेरिया की जांच और उपचार के लिए पूरे संभाग में 1720 मलेरिया दलों का गठन किया गया है। अब तक पांच लाख से अधिक लोगों की जांच की जा चुकी है, जिसमें से 22 हजार 777 व्यक्ति मलेरिया से पीड़ित पाए गए हैं। उन्होंने कहा कि जनवरी, जुलाई और नवम्बर में मलेरिया ज्यादा होता है। जनवरी में अभियान का यह पहला चरण है। जुलाई और नवम्बर में मलेरिया मुक्त बस्तर अभियान का दूसरा और तीसरा चरण प्रारंभ किया जाएगा।
कार्यक्रम के अंत में राष्ट्रीय ग्रामीण स्वास्थ्य मिशन की संचालक प्रियंका शुक्ला ने आभार व्यक्त किया। इस अवसर पर कमिश्नर अमृत कुमार खलखो, पुलिस महानिरीक्षक सुंदरराज पी., कलेक्टर टोपेश्वर वर्मा, पुलिस अधीक्षक डाॅ. अभिषेक पल्लव, सहित अनेक वरिष्ठ अधिकारी और नागरिक उपस्थित थे।

मुख्यमंत्री ने कराई मलेरिया की जांच

मुख्यमंत्री भूपेश बघेल ने कारली पुलिस लाईन स्थित कार्यक्रम में मलेरिया जांच के लिए लगाए गए शिविर का अवलोकन किया। उन्होंने स्वास्थ्य कार्यकर्ताओं से बात की। स्वास्थ्य कार्यकर्ताओं के आग्रह पर मुख्यमंत्री ने अपने खून की जांच कराई, जिसमें उन्हें मलेरिया निगेटिव पाया गया। मुख्यमंत्री ने शिविर स्थल पर सेल्फी जोन में फोटो भी खिचाई और सिग्नेचर जोन में अपने हस्ताक्षर किए।