मिट्टी बन गया कोरोना में एक साल की सैलरी दान करने वाला आरक्षक, सोशल मीडिया में उठाता था आवाज, हत्या या फिर हादसा?

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जांजगीर-चांपा। कोरोना काल में एक साल की सैलरी दान करने वाले कांस्टेबल पुष्पराज की अचानक मौत हो गई है। उन्हें किस बात की सजा भुगतनी पड़ी अब तक पता नहीं चला। बीती रात कांस्टेबल पुष्पराज सिंह का शव लकड़ी से बंधे तारों के साथ लिपटा हुआ पाया गया है। पुलिस इसे एक हादसा बताकर इस मामले की जांच कर रही है। वहीं परिजनों ने पुष्पराज की मौत को हत्या बताकर उसकी जांच उच्च अधिकारियों से कराने की मांग कर रही है।

सुनसान इलाके पर पुष्पराज सिंह की लाश तारों से लिपटी हुई मिली

बताया जा रहा है कि जांजगीर थाना क्षेत्र के सुनसान इलाके पर पुष्पराज सिंह की लाश तारों से लिपटी हुई पायी गई है। शव के पास उसकी स्कूटी भी पड़ी मिली है। इधर इस घटना की जानकारी के बाद कांस्टेबल के परिजनों का रो-रोकर बुरा हाल है। वहीं मृतक कांस्टेबल के परिजन इस पूरे मामले को हत्या से जोड़कर इसकी उच्च स्तरीय जांच की मांग कर रहे है।

पीड़ित पुलिसकर्मियों की आवाज सोशल मीडिया के माध्यम उठता था कांस्टेबल पुष्पराज

दरअसल परिजनों का कहना हैं कि पुष्पराज पीड़ित पुलिसकर्मियों की आवाज सोशल मीडिया के माध्यम से लगातार उठा रहा था। इसी वजह से उसे कई बार धमकी भरे फोन भी आते थे। साथ ही धमकी भी उसे दी जाती थी। परिजनों को आशंका हैं कि इसी वजह से उसकी हत्या की गयी होगी। फिलहाल पुलिस इस पूरे मामले को एक हादसा बताकर इसकी जांच की बात कर रही है।

मिल रही धमकी का किया था उल्लेख

बता दें आरक्षक ने मौत से एक दिन पहले ही अपने फेसबुक पेज पर एक पोस्ट किया था, जिसमें उसने खुद को मिल रही धमकी का भी उल्लेख किया था। हालांकि अब उसके फेसबुक पेज से उसका पिछला वाला पोस्ट नहीं दिखा रहा है। फिलहाल शव को पोस्टमार्टम के लिए भेज दिया गया है, रिपोर्ट आने क बाद ही पता चल पायेगा कि, किन परिस्थितियों में पुष्पराज सिंह की मौत हुई।