कृषि बिल के खिलाफ CM भूपेश बघेल ने खोला मोर्चा.. प्रेस कॉफ्रेंस कर गिनाए खामियां.. बोले- असंवैधानिक हैं यह कानून..किसान विरोधी हैं बिल..

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रायपुर। संसद से पारित तीन कृषि बिल के खिलाफ मोर्चा खोलते हुए मुख्यमंत्री भूपेश बघेल ने प्रेस कांन्फ्रेंस करके केंद्र सरकार को घेरा। मुख्यमंत्री भूपेश बघेल ने कृषि अध्यादेश को लेकर केन्द्र की आलोचना करते हुए कहा है कि यह कानून असंवैधानिक है। राज्यों को भरोसे में लिए बिना इसे लागू किया गया है। यह किसान विरोधी कानूनी है। CM भूपेश बघेल ने कहा कि केंद्र सरकार द्वारा पारित बिल अवैधानिक है, ट्रेड शब्द जोड़कर बिल लाया गया, जो संघीय ढाँचा के विपरीत है, ऐसी स्थिति में भविष्य में केंद्र टैक्स भी लगा सकती है। श्रम क़ानून राज्यों के बिना विश्वास के लाया गया, शांता कमेटी की रिपोर्ट अनुसार यह क़ानून लागू किया गया।

राजीव भवन में मुख्यमंत्री भूपेश बघेल के साथ PC में मंत्री रविंद्र चौबे, मोहम्मद अकबर, शिव डहरिया भी मौजूद रहे। कृषि सुधार क़ानून, श्रम क़ानून में परिवर्तन को लेकर सीएम ने केंद्र सरकार पर जमकर हमला बोला। सीएम ने कहा कि जो बिल लाए गए हम उसका विरोध करते हैं, सीएम ने कहा कि केंद्र सरकार किसानों को धोखा दे रही है।

सीएम ने कहा कि कांट्रैक्ट फॉर्मिंग में कई कानूनी दांव पेंच है जिसमें अनपढ़ और कम पढ़े लिखे लोग फंस कर रह जाएंगे, व्यापारी अब सस्ते दाम पर खरीदकर मनमाने दाम पर बेंचेगे। सीएम ने कहा कि यह पीडीएस सिस्टम को खत्म करने की साजिश है। किसानों को पहले भी अपनी उपज बेचने के लिए छूट थी। छत्तीसगढ़ में 90 प्रतिशत किसानों को एमएसपी के अलावा अतिरिक्त भी लाभ दिया गया है।

CM भूपेश बघेल ने प्रेसवार्ता में कहा कि छत्तीसगढ़ में एक रुपये की दर से चावल दिया जाता है। शांता कमेटी की रिपोर्ट ऐसी योजनाओं को बंद करने की सिफारिश करती है, बोनस देने वाले राज्यों से अनाज नहीं लेने की सिफारिश भी इस कमेटी ने की है । Cm ने भाजपा और रमन सिंह से कई सवाल भी पूछे, सीएम ने कहा कि स्वामीनाथन कमेटी का समर्थन करते हैं या विरोध? किसानों की आय को दोगुना कब करेंगे? केंद्र ने बोनस देने पर रोक लगाया, इसके पक्ष में है या नहीं?

राजीव भवन में मुख्यमंत्री भूपेश बघेल के साथ PC में मंत्री रविंद्र चौबे, मोहम्मद अकबर, शिव डहरिया भी मौजूद रहे। कृषि सुधार क़ानून, श्रम क़ानून में परिवर्तन को लेकर सीएम ने केंद्र सरकार पर जमकर हमला बोला। सीएम ने कहा कि जो बिल लाए गए हम उसका विरोध करते हैं, सीएम ने कहा कि केंद्र सरकार किसानों को धोखा दे रही है।

सीएम ने कहा कि कांट्रैक्ट फॉर्मिंग में कई कानूनी दांव पेंच है जिसमें अनपढ़ और कम पढ़े लिखे लोग फंस कर रह जाएंगे, व्यापारी अब सस्ते दाम पर खरीदकर मनमाने दाम पर बेंचेगे। सीएम ने कहा कि यह पीडीएस सिस्टम को खत्म करने की साजिश है। किसानों को पहले भी अपनी उपज बेचने के लिए छूट थी। छत्तीसगढ़ में 90 प्रतिशत किसानों को एमएसपी के अलावा अतिरिक्त भी लाभ दिया गया है।

छत्तीसगढ़ के मुख्यमंत्री भूपेश बघेल ने आज खुलकर केंद्रीय कृषि बिल का विरोध किया है। मुख्यमंत्री भूपेश बघेल ने कहा कि कांट्रेक्ट फ़ार्मिंग से किसानों को कोई फायदा नहीं होगा। बल्कि गड़बड़ी होने की आशंका बढ़ जाएगी।

सीएम ने कहा कि मोदी सरकार कृषि बिल पास कर निजी मंडी लाकर राज्यों की मंड़ी को बंद करना चाहती है। जिसका सीधा असर हमारे किसानों पर पड़ेगा। आगे कहा कि पहले गड़बड़ी होने पर मंडी अधिनियम के तहत कारवाई होती है। वहीं अब नया कानून आने से खुलेआम गड़बड़ी शुरू हो जाएगी।

बताते चले कि मोदी सरकार की कृषि बिल को लेकर देश के अलग-अलग राज्यों के किसान विरोध प्रदर्शन कर रहे हैं। कांग्रेस भी मोदी सरकार के खिलाफ हमला बोल रही है। पंजाब, हरियाणा के साथ अब छत्तीसगढ़ सरकार भी खुलकर बिल का विरोध कर रही है।

विरोध में कांग्रेस सोशल मीडिया में स्पीक फॉर फार्मर का कैंपेन भी चला रही है। इसके आलवा कांग्रेस ने बिल के विरोध में पैदल मार्च का एलान किया है। 29 सितंबर को कांग्रेस राजिव भवन से राजभवन तक पैदल मार्च करेंगे। इस मार्च में मुख्यमंत्री भूपेश बघेल सहित प्रदेश के मंत्री, पीसीसीचीफ मोहन मरकाम सहित कांग्रेस के आला नेता और कार्यकर्ता शामिल होंगे। वहीं राजभवन पहुंचने पर मुख्यमंत्री भूपेश बघेल राज्यपाल को राष्ट्रपति के नाम ज्ञापन सौंपेंगे।