CM भूपेश के बयान ने सबको चौंकाया.. अब अजीत जोगी की जाति को लेकर फिर से हो सकता हैं बवाल.. ये हैं वजह..

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रायपुर। मुख्यमंत्री भूपेश बघेल के बयान के बाद पूर्व मुख्यमंत्री अजीत जोगी की जाति को लेकर एक फिर मामला गरमा सकता है। सूत्रों की माने तो राज्य सरकार ने अजीत जोगी की जाति की जांच पुलिस विभाग से भी करवाई है। पुलिस विभाग ने अपनी रिपोर्ट राज्य शासन को सौंप दी है। रिपोर्ट में पाया गया है कि जोगी की जाति आदिवासी नहीं है। हालांकि इस रिपोर्ट पर कोई भी सक्षम अधिकारी बयान नहीं दे रहा है।

सीएम भूपेश ने फर्जी जाति प्रमाण पत्र को लेकर दिया बड़ा बयान

विश्व आदिवासी दिवस के मौके पर सीएम भूपेश बघेल ने आज बड़ा बयान दिया है। बघेल ने कहा है कि फर्जी प्रमाण पत्र के आधार पर छत्तीसगढ़ में नौकरी कर रहे लोगों के मामलों का एक महीने के भीतर परीक्षण कर निराकरण कर दिया जाएगा। जिससे फर्जी प्रमाण पत्र वाले ना नौकरी कर सकें और ना अनुचित लाभ ले सकें। मुख्यमंत्री के इस बयान के भी कई मायने निकाले जा रहे हैं।

बता दें कि पिछले वर्ष राज्य सरकार की जाति छानबीन निधार्रण समिति ने जोगी को कंवर आदिवासी नहीं मानते हुए उनका जाति प्रमाणपत्र निरस्त करने के आदेश दिए थे। इसके बाद बिलासपुर जिला कलेक्टर पी दयानंद ने प्रमाणपत्र निरस्त कर दिया था। जोगी ने 19 जुलाई 2017 को इस आदेश के खिलाफ याचिका दाखिल करते हुए समिति की रिपोर्ट निरस्त करने की मांग की थी।

छत्तीसगढ उच्च न्यायालय ने पूर्व मुख्यमंत्री अजीत जोगी की जाति निधार्रण के मामले में गठित उच्च स्तरीय छानबीन समिति का पुनर्गठन करने के आदेश दिए थे।

इस मामले में राष्ट्रीय अनुसूचित जनजाति आयोग के अध्यक्ष नंदकुमार साय, भारतीय जनता पार्टी नेता संतकुमार नेताम और मरवाही विधानसभा से चुनाव लड़ने वाली भाजपा प्रत्याशी समीरा पैकरा पक्षकार बनाई गई थीं।

हालांकि अजीत जोगी इस विषय पर कई बार बयान दे चुके हैं कि उन्हें गैर आदिवासी साबित करने के प्रयास पहले भी हो चुके हैं, जो हर बार नाकाम साबित हुए हैं।

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