CM हाउस व मंत्री बंगले बनना शुरू, वरिष्ठ अधिकारियों के लिए भी बनाया जा रहे हैं बंगले.. नए राजभवन का डिजाइन बदलेगा इसलिए नहीं शुरू हो सका निर्माण काम..

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रायपुर 20 जनवरी, 2020। नवा रायपुर के सेक्टर-24 में राजभवन और मुख्यमंत्री आवास बनना है। यहां सीएम हाउस बनाने का काम तेजी से चल रहा है, लेकिन अभी तक राजभवन का काम शुरू नहीं हो सका है। पीडब्ल्यूडी अफसरों से मिली जानकारी के मुताबिक राजभवन के ड्राइंग डिजाइन में कुछ बदलाव किया जाना है, इसलिए इसका निर्माण कार्य शुरू नहीं हो सका है। राजभवन के डिजाइन में कुछ अतिरिक्त निर्माण को जोड़ने व घटाने के लिए नए सिरे से कवायद चल रही है। डिजाइन को अप्रूवल नहीं मिलने की वजह से राजभवन के काम में ब्रेक लग गया है। वहीं दूसरी ओर, मुख्यमंत्री आवास, स्पीकर आवास, मंत्री व अधिकारी बंगले बनाने का काम चल रहा है।

मिली जानकारी के मुताबिक मंत्रियों के लिए 15 बंगले बनाए जाने हैं, जिनमें से 8 का काम चल रहा है। इसी तरह वरिष्ठ अधिकारियों के लिए प्रस्तावित 85 बंगलों में 27 का काम तेजी से चल रहा है। सभी निर्माण स्थलों पर पिलर व बेस बनाया जा रहा है।

डेढ़ साल में तैयार होंगे भवन

इस प्रोजेक्ट की जिम्मेदारी पुणे की कंपनी वेस्कॉन इंजीनियर्स प्रा. लिमिटेड को दी गई है। सेक्टर-24 में राजभवन व सीएम हाऊस के साथ ही मंत्रियों और उच्च अधिकारियों के बंगले भी बनाए जाएंगे। इसके अलावा सेक्टर-18 में अधिकारियों के अावास भी बनाए जाने हैं। इस सभी निर्माण प्रोजेक्ट के लिए करीब 505 करोड़ रुपए खर्च किए जाएंगे। मिली जानकारी के मुताबिक सीएम हाऊस 8 एकड़ में बन रहा है। राजभवन का पूरा कैंपस 14 एकड़ में होगा। इसके साथ ही डेढ़-डेढ़ एकड़ में मंत्रियों व अफसरों के बंगले बनेंगे। पूरे प्रोजेक्ट को डेढ़ से दो साल में पूर्ण करने का लक्ष्य पीडब्ल्यूडी ने रखा है।

सेक्टरों में यूटिलिटी सेंटर

सिविल लाइन को सेक्टर-18 से सेक्टर-24 में शिफ्ट करने से पहले अफसरों की एक टीम ने नवा रायपुर के सभी सेक्टरों का सर्वे किया था। सेक्टर-24 से करीब दो किमी की दूरी पर ही मंत्रालय है। सेंट्रल पार्क व झांझ जलाशय से लेकर सीबीडी बिल्डिंग भी काफी नजदीक है। चूंकि नवा रायपुर में बसाहट में तेजी लाने के लिए कई स्तर पर काम करने की जरूरत है, इसलिए सिविल लाइन को सेक्टर-18 से हटाकर 24 में लाया गया है। इससे सभी दिशाओं में बसाहट व निवेश के लिए नवा रायपुर प्रशासन विभिन्न स्तरों पर पहल कर रहा है। आसपास के तीन से चार सेक्टरों में यूटिलिटी सेंटर डेवलप किए जाएंगे।